बरेली। किसान संतोष को जुआरी बताकर पुलिस के पीटने से हुई मृत्यु के मामले में नया मोड़ आ गया है। मृतक के भाई कृष्णपाल शर्मा का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक वह अपने भाई की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे।
दूसरी ओर, विवेचक ने इलाज करने वाले डॉक्टर के बयान दर्ज कर लिए हैं और इलाज की फाइल को भी कब्जे में ले लिया है। अब उस फाइल का पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिलान किया जाएगा।
यह है पूरा मामला
आलमपुर जाफराबाद के रहने वाले किसान संतोष शुक्रवार की रात अपने खेत से लौट रहे थे। इसी बीच पुलिस कर्मियों ने उन्हें जुआरी बताकर पकड़ लिया और जुआरी के बारे में पूछने लगे।
उन्होंने पुलिस से काफी मना कि वह जुआरी नहीं, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की शुरू कर दी। मृतक संतोष के भाई कृष्ण कुमार के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उनके भाई की लात घूंसों, तमंचे और रायफल की बट से पिटाई की। उनका भाई संतोष चीखता रहा, वह बार-बार यही कह रहा था कि वह जुआरी नहीं हैं मगर बेरहम पुलिसकर्मियों ने उन्हें नहीं छोड़ा। जब उनके चीखने चिल्लाने की आवाज भाई ने सुनी तो वह भी दौड़ते हुए पहुंचे।
इसके बाद, आरोपी वहां से फरार हो गए। संतोष को लहूलुहान हालत में ही सड़क किनारे फेंक दिया गया। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक के भाई ने 10 आरोपियों एंबुलेंस चालक विजय, एसआई टिंकू कुमार, एसआई नैपाल सिंह, सिपाही दीपक, पुष्पेंद्र, मनोज, अंकित और तीन अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कराई थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का होगा मिलान
इधर, एसएसपी ने फतेहगंज पश्चिमी थाना प्रभारी धनंजय कुमार पांडेय को मामले की विवेचना सौंपी थी। डॉक्टर के इलाज की फाइल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का मिलान होना है।
मंगलवार को मृतक के भाई ने कहा कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक वे भाई की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। विवेचक धनंजय पांडेय ने बताया कि मामले में विवेचना की जा रही है। जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।