यूपी के सीतापुर में मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद की गई निर्मम हत्या के मामले में आज दोषी बाप को फांसी की सजा सुनाई गई है। मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या की इस सनसनीखेज वारदात का फैसला 3 साल बाद आया है।
ये है पूरा मामला
इस पूरे मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता गोविंद मिश्रा और मोनिका शुक्ला के द्वारा की गई। फांसी की सजा न्यायाधीश ASJ पास्को एक्ट राहुल प्रकाश ने सुनाई। पूरा मामला रेउसा थाना क्षेत्र का है। इन तीन सालों के दौरान पुलिस ने करीब तेरह गवाहों को प्रस्तुत किया। शासकीय अधिवक्ता गोविंद मिश्रा ने बताया की अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई गई है। 302 में मृत्युदंड, 55 में आजीवन कारावास 201 में सात साल का कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को भारी सुरक्षा के बीच जिला जेल ले जाया गया।
बताते चले की 19 साल बाद सीतापुर न्यायालय में फांसी की सजा सुनाई गई है। रेउसा थाना क्षेत्र के रसूलपुर के रहने वाले रामकृपाल ने एक फरवरी, 2020 को एक जगह वारदात को अंजाम दिया था, जिसमें उसने अपनी 8 साल की मासूम बच्ची के साथ पहले रेप किया। उसके बाद उसकी गला दबाकर निर्मम हत्या कर दी। इतना ही नहीं घटना को छुपाने के लिए राम कृपाल ने बेटी के शव को घर में ही गड्ढा खोदकर उसमें छुपा दिया। ऊपर से लकड़ी आदि सामान रखकर ढक दिया था। इस पूरे मामले को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमे में पुलिस ने रामकृपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
करीब 3 साल तक चले इस केस में सबसे पहले शासकीय अधिवक्ता मोनिका शुक्ला ने पैरवी की। उसके बाद शासकीय अधिवक्ता गोविंद मिश्रा ने पूरे मामले की पैरवी की। मामले में पुलिस ने करीब 13 गवाहों को प्रस्तुत किया। साक्ष्य संकलन जताकर न्यायालय में प्रस्तुत किया। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर शुक्रवार को न्यायाधीश ASJ पास्को एक्ट राहुल प्रकाश ने आरोपी पिता रामकृपाल को दोषी करार देते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता गोविंद मिश्रा ने बताया कि न्यायाधीश द्वारा 302 के मामले में रामकृपाल को मृत्युदंड 55 में आजीवन कारावास तथा 201 में 7 साल की सजा सुनाई है।