साहेबपुर कमाल। सुविधाविहीन पंचायत सादपुर पूर्वी सात वर्षों में आदर्श स्थिति में पहुंच गई। यह सरकार की योजनाओं को पंचायत तक लाने की दृढ़ इच्छाशक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, संयुक्त परिवार में मिले अनुभव का जनहित में इस्तेमाल तथा योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने का सुखद परिणाम है।
पंचायती राज में महिलाओं को मिले आरक्षण के कारण 2016 में बबिता देवी को चुनाव लड़ने का अवसर मिला, पारिवारिक प्रतिष्ठा देख लोगों ने उन्हें मुखिया चुन लिया।
अपने पहले ही कार्यकाल में जनहित के इतने कार्य कर दिखाए कि दूसरी बार जनता ने उनके नाम पर वोट किया और लगातार दूसरी बार मुखिया चुन ली गईं। अपने सात वर्षों के कार्यकाल में बबिता को पति व समाजसेवी पप्पू कुमार का भरपूर साथ मिला।
आइटीआइ कालेज, सादपुर पूर्वी, साहेबपुर कमाल। फोटो- जागरण
इन्होंने पढ़ाई, दवाई, सफाई और कमाई चार बिंदुओं पर काम किया। पंचायत में ही आइटीआइ, एएनएम ट्रेनिंग कालेज, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बस पड़ाव, कचरा प्रबंधन केंद्र व फर्नीचर क्लस्टर की स्थापना कराई।
आए दिन ग्रामीणों के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगडा होते देख मुखिया ने 45 सदस्यों के संयुक्त परिवार में मिले अनुभव का लाभ ग्रामीणों को दिया। उन्होंने पंचायत में दो अलग-अलग गांवों में कार्यालय खोले।
जहां वे नियमित बैठने लगीं और ग्रामीणों के छोटे-मोटे विवाद का समाधान करने लगीं। अब इक्का-दुक्का मामले ही थाने व कोर्ट तक जाते हैं। बबिता कहती हैं, ग्रामीण कोर्ट-कचहरी व थाने में उलझेंगे, तो मानसिक शांति तो छीनेगी ही पूरे परिवार का विकास भी थम जाएगा।
आमसभा करतीं सादपुर पूर्वी पंचायत की मुखिया बबीता देवी, उपस्थित ग्रामीण एवं अधिकारी। फोटो- जागरण
तब उनके लिए किसी विकास कार्य का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। बताया कि जिस तरह से उनके संयुक्त परिवार को ससुर कपिलदेव महतो उर्फ राजा जी समन्वय के साथ चलाते हैं। ठीक उसी तरह मैंने पंचायत को परिवार मान लिया है।
ऐसे पंचायत तक लाईं योजनाएं
बबिता बताती हैं कि पहली बार मुखिया बनी, तो कई चुनौतियां एक साथ थीं। 25 हजार की आबादी को मूलभूत सुविधाएं नाली, गली, जलापूर्ति उपलब्ध कराने के साथ-साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाकर आर्थिक तौर पर सबल बनाना था।
इसके लिए वह स्वयं केंद्र व राज्य सरकार के मंत्रियों से लेकर उच्च अधिकारियों से मिलीं। आश्चर्यजनक ढंग से 2018 में एएनएम कालेज व 2020 में आइटीआइ कालेज की स्वीकृति मिल गई। खुद की देखरेख में दोनों के भवन बनवाए।
दोनों जगह नामांकन व प्रशिक्षण शुरू है। 2020-21 में छह बेड वाले अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना कराई। परिवहन विभाग के सचिव से मिलकर गांव में ही बस पड़ाव का निर्माण करवाया।
पंचायत में घर-घर कचरा उठाव करते स्वच्छता कर्मी। फोटो- जागरण
किसानों को सिंचाई की सुविधा के लिए खेतों तक बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई। पीडब्लूडी विभाग से चार मुख्य सड़कें, जिसमें सादपुर डुमरिया एवं सनहा ढाला एनएच 31 से सादपुर मुख्य सड़क का निर्माण करवाया।
उद्योग विभाग से फर्नीचर क्लस्टर का निर्माण कराया। पंचायत स्तर पर जिले के पहले कचरा निस्तारण केंद्र की स्थापना कराई। 37 स्वच्छताकर्मियों को नियुक्त कर घर-घर से कचरा उठाव कराया जाता है।
साफ-सफाई की निगरानी गांव के प्रबुद्ध लोगों की टीम करती है। यही वजह रही कि पंचायत को गत मार्च माह में जिलास्तर पर बेस्ट स्वच्छता अवार्ड मिला। मनरेगा के तहत निजी भूमि पर लगभग 20 हजार पौधे लगवाए।
एक अमृत सरोवर के अलावा पंचायत में 10 पोखर का निर्माण करवाया। इसमें निजी आठ एकड़ भूमि पर विशाल पोखर शामिल है। अभी मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।