गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में भालुओं के बाद अब हाथियों की दहशत है। मरवाही वनमंडल में 43 हाथियों के दल ने उत्पात मचा रखा है। शुक्रवार को हाथियों ने किसानों की फसलों को रौंद दिया, वहीं घरों को भी नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग की मुश्किल ये है कि हाथी दो दलों में बंट गए हैं। वहीं गांव के आसपास हाथियों का दल होने से गांववाले दहशत में हैं और रतजगा करने को मजबूर हैं।
ग्रामीण कड़ाके की ठंड में हाथियों के डर से घर से बाहर निकलकर रात गुजार रहे हैं। लोग मशाल जलाकर हाथियों से बचने का उपाय कर रहे हैं। मरवाही वनमंडल के डीएफओ सत्यदेव शर्मा लोगों को हाथियों के नजदीक नहीं जाने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही हाथी मित्र दल और वनकर्मियों के मदद से हाथियों की मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। DFO सत्यदेव शर्मा ने बताया कि जनवरी 2022 से अब तक हाथियों के हमले में अलग-अलग जगहों पर 7 लोगों की जान जा चुकी है।
21 फरवरी को ग्राम कटरा में राम प्रसाद, 20 मार्च को रूमगा में 10 वर्षीय छोटी धनुहार, 24 मार्च को परासी में धनिया बाई, 10 जून को माला डांड़ में बादिराम पनिका, 11 जून को कटरा में रामधन मार्को, 20 अगस्त को कुम्हारी में अशोक सिंह धनुहार और 6 दिसंबर को दमदम इलाके के कन्चोथीपारा में जानकी बाई की मौत हो चुकी है।
फिलहाल 40 हाथियों का दल मरवाही रेंज में मौजूद है, तो वहीं 3 हाथियों के दल ने कोरिया जिला में प्रवेश किया है। दल में दर्जन भर शावक और 10 से अधिक दंतैल हाथी भी शामिल हैं। हाथियों के दल में दर्जनभर शावक होने के कारण ही हाथी काफी आक्रामक हो जाते हैं। शावकों की सुरक्षा के लिए वे किसी पर भी हमला करने से नहीं चूकते। खासतौर पर दंतैल हाथी बहुत अधिक आक्रामक होते हैं, जिनसे लोगों की जान-माल को खतरा बना रहता है। हाथियों ने इन दो दिनों में 18 किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिसका आकलन किया जा रहा है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में लगातार हाथियों का आतंक रहा है। अगस्त के महीने में भी मरवाही वन मंडल में दंतैल हाथियों ने ग्रामीण अशोक सिंह धनुहार को कुचलकर मार डाला था। वहीं दर्जनों किसानों की फसल को रौंद दिया था। हाथियों की दहशत के कारण कई लोग अपना घर छोड़कर दूसरे गांव भी चले गए थे। उस वक्त 3 तरफ से हाथियों के दल ने जिले को घेर लिया था। 22 हाथियों का दल कोरबा जिले से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की सीमा पर पहुंचा था। इनमें से एक हाथी पहले ही अपने दल से भटक गया था। वो कोरबा जिले के पसान के चंद्रोटी गांव पहुंच गया था। यहां इस हाथी ने एक ग्रामीण युवक को कुचलकर मार दिया था। इसके बाद से वो मरवाही वनमंडल के नाका गांव में विचरण कर रहा था।