कानपुर के जाजमऊ आगजनी मामले में नया मोड़ आ गया है। इरफान की ओर से बचाव में पेश किया गया गवाह शुक्रवार को कोर्ट के सामने बयान से पलट गया और इरफान-रिजवान के खिलाफ ही बोलने लगा। गवाह ने घटनास्थल पर इरफान और रिजवान के अलावा उनके भाई अरशद की मौजूदगी का भी जिक्र किया।
उसने अरशद के बुलाने पर ही वहां पहुंचने की बात भी कही। इसके बाद अरशद के भी साजिश में शामिल होने की बात सामने आने पर उस पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। इरफान की ओर से बचाव में गवाह मोती मोहाल निवासी ऋषभ गुप्ता को पेश किया गया था।
ऋषभ ने गवाही के दौरान कहा था कि जब वह सिद्धनाथ मंदिर से दर्शन कर लौट रहा था, तो डिफेंस कॉलोनी वाले रास्ते में एक प्लॉट पर आग लगी थी। वहां कोई और नहीं था, उसने अपने मोबाइल से डायल-112 पर सूचना दी थी। जब वहां जेब्रा पुलिस व फायरब्रिगेड आ गई तो घर चला गया था। अरशद के चाचा के लड़के जीशान सोलंकी से उसकी मित्रता थी और उसी के द्वारा अरशद से दोस्ती हुई थी।
जीशान उसकी क्लास में पढ़ता था। अभियोजन ने बृहस्पतिवार को ऋषभ से कुछ सवाल पूछे थे। शुक्रवार को आगे की जिरह शुरू हुई तो गवाह बयान से पलट गया और पुरानी कही बातों को नकारते हुए जवाब देने लगा। एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि उनके सवाल पर गवाह ने कोर्ट में बताया कि सात नवंबर को वह सिद्धनाथ मंदिर गया था, तभी अरशद ने फोन कर प्लॉट पर बुलाया। जब वह पहुंचा तो आग लगी हुई थी
कई लोग वहां मौजूद थे। वह सिर्फ इरफान, रिजवान और अरशद को जानता था। डायल-112 पर सूचना उसने खुद नहीं दी, बल्कि उसके फोन से रिजवान ने दी थी। वह और इरफान का भाई अरशद दोस्त हैं। घटनास्थल से दो-तीन घर छोड़कर उसका घर है। गवाह से जिरह पूरी हो गई है। अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी
ऋषभ व अरशद भी बन सकते हैं आरोपी
पीड़िता नजीर फातिमा की ओर से अधिवक्ता प्राची श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट में दिए ऋषभ के बयान से यह साफ हो रहा है कि घटना के समय इरफान और रिजवान के साथ अरशद भी था। ऋषभ और अरशद दोस्त हैं और उनका घर आना-जाना था।
रिजवान ने आग की सूचना ऋषभ के फोन से दी। इससे आगजनी के षड्यंत्र में अरशद सोलंकी और ऋषभ गुप्ता के भी शामिल होने की आशंका है। मुकदमे की विवेचना अभी चल रही है। ऐसे में इन दोनों को भी मुकदमे में आरोपी बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया जाएगा।
गवाह को डराया गया
अभियोजन ने बृहस्पतिवार को जिरह के लिए समय की मांग की थी तभी आपत्ति जताई थी कि गवाह को डरा-धमकाकर प्रभावित किया जाएगा। गवाह के बयान पलटने से आशंका सच साबित हुई है।- शिवाकांत दीक्षित, इरफान के अधिवक्ता
आरोप निराधार
अभियोजन के सवालों से गवाह का सच सामने आ गया है। उसने इरफान-रिजवान के घटनास्थल पर मौजूद रहने, रिजवान द्वारा फोन मिलाने की बात कही है। गवाह को धमकाने का आरोप निराधार है।– भास्कर मिश्रा, एडीजीसी