टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ रेंज अंतर्गत वसुधा बीट के जंगल में पिछले माह 3 जनवरी को करंट लगने से एक युवा बाघ व एक हायना की मौत के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी बिहारी आदिवासी को पकड़ने में किशनगढ़ वन परिक्षेत्र टीम को आखिरकार सफलता मिल गई है। क्योंकि पीटीआर की टीम ने मामले से जुड़े सभी आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी फरार चल रहा था।
जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर क्षेत्र अंतर्गत वन परिक्षेत्र किशनगढ़ रेंज की बसुधा बीट के कक्ष क्र.521 में एक युवा बाघ की मौत 3 जनवरी को हुई थी। जिसके बाद 4 जनवरी को पीटीआर की टीम ने बाघ का पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया था। वहीं जंगल में तार बिछाकर करंट फैलाने वाले आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी।
जिसके बाद किशनगढ़ रेंज के रेंजर ने अपनी टीम के साथ मामले में शिकारियों की धर पकड़ की और 6 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं एक मुख्य आरोपी फरार चल रहा था।जिसके घर 26 जनवरी को पीटीआर की टीम ने छापेमार कार्रवाई की और शिकारी के घर से वन्य जीवों के अवशेष के साथ बड़ी संख्या में सागौन को बेशकीमती लकड़ी जब्त की है।
जिसके बाद वन्य जीवों के अवशेषों को जांच लैब भेज दिया गया है। वहीं मुख्य आरोपी को फरार हो गया था। जिसे 16 फरवरी की शाम किशनगढ़ रेंज के रेंजर अरविंद केन और टीम ने आरोपी को गुलगंज के पास से गिरफ्तार किया है। जिसके पास से करंट में प्रयुक्त तार और शिकार में उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री भी बरामद की गई है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।