जबलपुर/भोपाल। नागिरकों को सुलभ और सस्ती परिवहन सेवा ने देश भर में जबलपुर का डंका बजा दिया है। न फायदा न नुकसान के ध्येय से नगर निगम के जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) द्वारा संचालित परिवहन सेवा की देश भर में सराहना हुई है।
जेसीटीएसएल द्वारा जबलपुर को मिलीं 55 सिटी बसों को ‘ग्रास कास्ट कांट्रेक्ट हाइब्रिड माडल’ यानी शुद्ध लागत अनुबंध के आधार पर इस तरह सिटी बसों का सफल संचालन किया जा रहा है।
जबलपुर का ये माडल देश भर में सराहा गया। बीते दिनों भारत सरकार के शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय द्वारा आयोजित 16वीं अर्बन मोबिलिटी इंडियन कांफ्रेंस नई दिल्ली में जेसीटीएसएल को मोटर इनोवेटिव फाइनेंसिंग मेकैनिज्म कैटेगरी में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से नवाजा गया है।
अमृत से मिली थी 55 बसें, तीन साल पहले शुरू हुआ था संचालन
विदित हो कि शहर में सिटी बसों का संचालन तीन वर्ष वर्ष 2021 में शुरू हुआ था। अमृत योजना से मिली 55 मेट्रो बसों का संचालन जेसीटीएसएल की निगरानी में किया जा रहा है।
खास बात ये है कि इन बसों की खरीदी खुद आपरेटरर्स ने की है और बसों के संचालन से लेकर उसकी देखभाल यानी मेंटनेंस भी आपरेटर के ही जिम्मे हैं।
आपरेटर को प्रति बस प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान किया जाता है। जबकि बसों के संचालन से मिलने वाले किराये का एकत्रिकरण करने के लिए भी एक अलग एजेंसी नियुक्त की गई है।
ये एजेंसी नगर निगम को एक निर्धारित दर पर प्रति बस प्रति किमी के हिसाब से वसूली गई राशि का भुगतान करती है।
इसका फायदा ये होता है कि नगर निगम को अपनी तरफ से कुछ खर्च नहीं करना पड़ता और बदले में नगर निगम की निगरानी में लोगों को सस्ती, सुरक्षित, सुविधायुक्त परिवहन सेवा मिल रही है।
यह है बसों के संचालन का फार्मूला
ग्रास कास्ट कांट्रैक्ट हाइब्रिड माडल पर सिटी बस सेवा का संचालन किया जा रहा है। शहर में मां नर्मदा एसोसियेट कंपनी द्वारा बसों की खरीदी कर उनका संचालन करवा रही है।
बदले में बस आपरेटर को 39 रुपये प्रति बस प्रति किमी के हिसाब से भुगतान किया जाता है। इस राशि से आपरेटर डीजल, चालक का भुगतान सहित बसों का रखरखाव भी कर रहा है।
नगर निगम ने बसों के संचालन से होने वाली आय का कलेक्शन करने चलो नाम की एजेंसी भी नियुक्त की है। एजेंसी द्वारा किराये के रुप में जो राशि एकत्र होती है उसमें से 33 रुपये 40 पैसे प्रति बस प्रति किमी के हिसाब से नगर निगम देता है।
शेष पांच रुपये 60 पैसे राज्य शासन द्वारा वहन किए जाते हैं। इस तरह न तो नगर निगम पर आर्थिक बोझ आ रहा है न आपरेटर पर बदले में नागरिकों को भी सस्ती व सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध हो रही है यानी न हर्रा लगे न फिटकरी और रंग भी जोखा।
इस तरह तरह के अनूठे माडल ने ही जबलपुर को मोस्ट इनोवेटिव फाइनेंसिंग मैकेनिज्म केटेगरी में राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया है।
ग्रास कास्ट कांट्रैक्ट हाइब्रिड माडल पर सिटी बस सेवा का संचालन किया जा रहा है। इससे नगर निगम पर किसी तरह का आर्थिक भार नहीं पड़ रहा नागरिकों को हर क्षेत्र से सस्ती व सुलभ परिवहन सेवा मिल रही है। जबलपुर के इस माडल को देश भर में सराहा गया है। – सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीएसएल