लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणा और दिशा का निर्धारण कराती हैं :- व्यास जी




ब्यूरो बांदा
बांदा- जब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं, तो उनकी लीलाएं सिर्फ खेल नहीं होतीं, बल्कि उनके माध्यम से मानवता और भक्ति के लिए गहरे संदेश छिपे होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में भी यही संदेश छुपा था। यह बातें प्रसिद्ध भागवताचार्य भागवत रत्न आचार्य नवलेश जी महाराज ने बांदा शहर के मंगलम मैरिज गार्डन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणा और दिशा का कार्य करती हैं। श्रीकृष्ण ने बचपन में माखन चोरी से लेकर कालिया नाग के दमन तक, हर घटना के जरिए हमें प्रकृति और मानव जीवन के महत्व को समझाया। बालकृष्ण के नटखट स्वभाव ने जहां मां यशोदा का दिल जीता, वहीं उनकी हर लीला ने पांच तत्वों—जल, वायु, मिट्टी, अग्नि और आकाश—को शुद्ध करने का कार्य किया।
प्रकृति संरक्षण का संदेश
आचार्य नवलेश जी ने कहा कि भगवान ने गोवर्धन पर्वत उठाकर हमें यह सिखाया कि प्रकृति की रक्षा और पूजा आवश्यक है। आज मानव अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है, नदियों का जलस्तर घट रहा है और पहाड़ क्षीण हो रहे हैं। यह प्रकृति के साथ मानव का शोषण है, जो भविष्य में विनाशकारी साबित हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा,“प्रकृति का दोहन उचित है, लेकिन शोषण नहीं। हमें प्रकृति से उतना ही लेना चाहिए, जितना हमारे जीवन के लिए आवश्यक हो। अगर हमने अपनी प्रवृत्ति नहीं बदली, तो आने वाला समय हमारे लिए संकट बनकर खड़ा होगा।”
कथा में भजनों की धूम
श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन श्रोताओं की अपार भीड़ देखी गई। महाराज श्री के प्रवचनों और भजनों पर श्रोता भावविभोर होकर झूम उठे। संगीत का अद्भुत समन्वय राघवेंद्र जी और विनोद जी ने प्रस्तुत किया, जिसने माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस आयोजन के मुख्य आयोजक जीतेंद्र शर्मा और उनकी पत्नी अंकिता शर्मा ऊर्फ बल्ली हैं। यह कथा उनके माता-पिता को समर्पित है। कथा के अंत में भगवान की मंगल आरती और प्रसाद वितरण किया गया, जिससे भक्तजन आनंदित हो उठे।
प्रेरणादायक संदेश
महाराज के प्रवचनों में न केवल भक्ति का संदेश था,बल्कि उन्होंने वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण और मानव कल्याण पर भी जोर दिया। श्रोताओं ने न केवल कथा का आनंद लिया,बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने की प्रेरणा भी प्राप्त की।
