बांदा। यूपी के बांदा में बुधवार देर रात अज्ञात लोगों ने घर में घुसकर आजीवन कारावास की सजा काटकर आए किसान की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देकर फरार गए। घटना को लेकर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। घर में मौजूद पत्नी व बेटी सहमीं रहीं। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। डॉग व फारेंसिक टीमों ने घटनास्थल से साक्ष्य संकलित किए। पुलिस हत्यारों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है।
रातभर आंगन में पड़ा रहा शव
बिसंडा थाना के ग्राम कैरी में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काटकर जनवरी माह में छूटे 48 वर्षीय किसान बालकरन उर्फ बाबूजी पटेल की घर में घुसे बदमाशों ने बुधवार रात करीब 12 बजे गोली मारकर हत्या कर दी। चचेरे भाई प्रेमनारायण व अन्य स्वजन ने पुलिस को अगले दिन गुरुवार सुबह घटना की जानकारी दी। रातभर शव घटनास्थल घर के अंदर आंगन में पड़ा रहा।
तमंचा लेकर निकला था किसान
सीओ बबेरू राकेश कुमार सिंह व थाना प्रभारी कृष्णदेव त्रिपाठी घटनास्थल की जांच की। पत्नी संतोषिया व उसकी बेटी नीलम ने बताया कि घटना से करीब डेढ़ घंटे पहले बालकरन तहमत पहनकर हाथ में तमंचा लेकर घर से निकला था। उसका कहना था कि वह लौटकर आ रहा है। बाद में खाना खाएगा। इससे घर के बाहर के दरवाजे में कुंडी नहीं लगी थी।
महिलाओं से छेड़खानी करने का लगा रहे थे आरोप
घटना के समय तीन-चार लोगों के गाली देने की आवाज आ रही थीं। वह बालकरन पर दूसरे की महिलाओं व लड़कियों के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगा रहे थे, जिससे वह दोनों मां-बेटी सहमकर कमरे के अंदर हो गई थीं। इसी बीच घर में घुसे अज्ञात लोगों ने करीब तीन से चार राउंड गोली चलाई है। हत्यारों के धमकी देते हुए भागने के काफी देर बाद वह आंगन में गईं तो वहां शव पड़ा मिला है। लेकिन भय के चलते वह घर में बाहर नहीं निकलीं।
गांव के व्यक्ति की गोली मारकर की थी हत्या
पत्नी ने यह भी बताया कि जेल से छूटने के बाद से उसके पति का चाल चलन ठीक नहीं था। उसने अक्टूबर 2005 में दशहरे के दूसरे दिन गांव के राजाराम पटेल की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसको लेकर वह जेल गया था। बाद में उसे आजीवन करावास की सजा हो गई थी। सात जनवरी को वह सजा पूरी होने के बाद जेल से बाहर आया था। जेल जाने के पहले वह अपनी करीब 20 बीघा जमीन में किसानी करता था। सीओ ने बताया कि घटना की हर बिंदु से जांच की जा रही है। हत्यारों को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें दबिश दे रही हैं।