मेरठ में मेडिकल थाना क्षेत्र के तेजगढ़ी चौराहे पर मंगलवार को एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने न सिर्फ मानवता को शर्मसार किया, बल्कि समाजसेवा के ठेकेदारों पर भी सवाल उठाए।
यहां मंगलवार को आर्थिक तंगी के चलते एक महिला अपने बेटे की लाश घंटों ठेले पर लेकर घूमती रही। मां रो-रोकर बेटे के शव का अंतिम संस्कार कराने की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने एक न सुनी। आखिरकार महिला के गुहार लगाने पर तेजगढ़ी चौकी इंचार्ज ने अपना फर्ज निभाया और मदद कर महिला के बेटे के शव का अंतिम संस्कार कराया गया।
जानकारी के अनुसार तेजगढ़ी चौराहे के निकट मंगलवार को शराब की दुकान से कुछ दूरी पर एक युवक का शव पड़ा था। घंटों तक लोग वहां से गुजरते रहे, किसी ने उस तरफ ध्यान तक नहीं दिया।
दोपहर करीब तीन बजे परिवार के लोग युवक को तलाश करते हुए वहां पहुंचे। बेटे का शव देखकर उसकी मां बिलख पड़ी। जिस पर लोगों की भीड़ जमा हो गई लेकिन, किसी ने मदद का प्रयास नहीं किया।
इस बीच मृतक का छोटा भाई ठेला लेकर आया और शव को उस पर लादकर चल दिया। मां और भाई युवक का अंतिम संस्कार कराने के लिए लोगों के आगे गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। लोग आंखें मूंदे चौराहे से गुजरते रहे लेकिन बेबस मां की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।
रोते-बिलखते हुए महिला तेजगढ़ी पुलिस चौकी पहुंची और चौकी इंचार्ज अमित मलिक से मदद की गुहार लगाई। चौकी इंचार्ज की पहल पर लोगों ने अंतिम संस्कार के लिए पैसे इकट्ठा किए। जिसके बाद युवक के शव अंतिम संस्कार किया गया।
मृतक की पहचान राजू के रूप में हुई। जो मूलरूप से इटावा का रहने वाला था, लेकिन कई वर्षों से परिवार को लेकर यहां रह रहा था। अंतिम संस्कार के बाद बचे पैसे परिजनों को दे दिए गए।