नगर निगम प्रवर्तन दल ने आज गुरुवार को सिकंदरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए व्यापक अभियान चलाया। इस दौरान दर्जनों ठेल धकेल हटवाये जाने के साथ ही दुकानों के आगे लगाये गये टिनषेड ध्वस्त कराये गये। नगर निगम के अभियान से दुकानदारों में दिनभर हड़कंप मचा रहा। मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी ने नगर में सड़कों के किनारे हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश नगर निगम अधिकारियों को दिये हैं। इसी क्रम में गुरुवार को निगम प्रवर्तन दल जोनल अधिकारी हरीपर्वत अक्षय कुमार के नेतृत्व में सिकंदरा चौराहे पहुंचा और कार्रवाई चालू की। इस दौरान निगम की टीम ने दस दुकानदारों के द्वारा दुकानों के आगे टिनशेड लगाकर फुटपाथ घेर लिये थे को बुलडोजर की सहायता से ध्वस्त करा दिया। तीन खोखे और 26 ठेल धकेलों को भी हटवाया गया। इसके अलावा फतेहाबाद रोड बसई मंडी से पांच दर्जन ठेल धकेलों को हटवाया गया। हरी पर्वत जोन में बाबू गुलाबराय की मूर्ति देहली गंेट के पास से भी ठेल धकेल और सिकंदरा पुल के नीचे अवैध रुप से संचालित किये जा रहे ढाबों को ध्वस्त करा दिया गया।
शराब ठेके वाले ने नाले को पाटकर बनाई कैंटीन
सिकंदरा चौराहे के पास ही स्थित शराब का ठेका संचालित करने वाले ने नाले को पाट कर उस पर कैंटीन बना ली थी। नाला ब्लॉक होने से पानी का बहाव रुक रहा था । इस पर सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए नाले पर किये गये अवैध निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त करा दिया। इस दौरान नगर निगम टीम के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई।
नेता ने किया हंगामा, चेतावनी देकर लौटा प्रवर्तन दल
कैलाशपुरी हनुमान मंदिर के पास स्थित पार्क के सामने अवैध रुप से रखे गये खोखे हटवाने गयी प्रवर्तन टीम को भारी विरोध के चलते चेतावनी देकर ही लौटना पड़ा। आईजीआरएस पर क्षेत्रीय पार्षद अमित पटेल ने शिकायत दर्ज कराते हुए इस स्थान से अवैध खोखों और अतिक्रमण हटवाये जाने की मांग की थी। इस पर प्रवर्तन दल हरी पर्वत के जोनल प्रभारी के नेतृत्व में उक्त स्थान पर मुख्य मार्ग के आसपास अवैध रुप से रखे गये खोखों को हटवाने के लिए गया था। पुलिस बल न मिल पाने के कारण नगर निगम का प्रवर्तन दल स्वयं ही कार्रवाई करने जा रहा था। इसी दौरान अपने आप को ब्राहमण समाज का पूर्व पदाधिकारी बताने वाला वैभव मिश्रा नाम के नेता ने वहां पहुंचकर हंगामा काटना शुरु कर दिया। उसका कहना था कि खोखे वालों को पहले नोटिास दिये जाएं तब कार्रवाई की जाए। प्रवर्तन दल का कहना था कि वह पूर्व में ही यहां पर अतिक्रमण हटाने की मुनादी कर चुका है। इसके बावजूद उसके साथ हुए अतिक्रमणकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए । जब हंगामा अधिक होने लगा तो प्रवर्तन दल अतिक्रमण हटाये जाने के लिए 24 घंटे की चेतावनी देकर वहां लौट आया।