आगरा के थाना फतेहाबाद क्षेत्र के प्रतापपुरा में 13 नवंबर को हुए दूध विक्रेता मोनू शर्मा की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। डीसीपी ईस्ट ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि मुखबिरी के शक में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस मामले में गांव के ही दो आरोपियों, विशाल और उसके साथी शिवम को गिरफ्तार किया है।
मुखबिरी के शक में रची गई साजिश
डीसीपी ईस्ट के अनुसार, मुख्य आरोपी विशाल शर्मा को संदेह था कि मोनू शर्मा पुलिस को उसकी गतिविधियों की जानकारी देता था। इसी शक में विशाल ने अपने साथी शिवम के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। विशाल, जो पहले से ही कई मामलों में वांछित था, एक शातिर अपराधी है।
हत्या के बाद फरारी और तमंचे की बरामदगी
पुलिस ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल किया गया तमंचा बरामद कर लिया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि हत्या से पहले विशाल मध्य प्रदेश के नीमच जिले में डकैती कर भागा था। घटना के दिन, कैंटीन से लौटते वक्त मोनू शर्मा को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया।
पुलिस टीमों की मेहनत रंग लाई
इस हत्याकांड के खुलासे के लिए डीसीपी ईस्ट ने एसीपी फतेहाबाद के निर्देशन में 23 पुलिस टीमों का गठन किया था। इन टीमों ने घटना से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच की। उनकी मेहनत के परिणामस्वरूप दोनों आरोपी पकड़े गए और मामले का सफलतापूर्वक निपटारा हुआ।
पुलिस टीम को सम्मानित किया गया
प्रेस वार्ता में डीसीपी ईस्ट ने घटना का खुलासा करते हुए इस केस को सुलझाने वाली पुलिस टीम को 20,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इस हत्याकांड का खुलासा यह दर्शाता है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधी चाहे कितनी भी साजिश रचें, उन्हें उनके किए की सजा जरूर मिलती है। पुलिस की इस तत्परता और मेहनत से इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है। मोनू शर्मा की हत्या के पीछे का सच सामने आने के बाद पुलिस की सतर्कता और प्रतिबद्धता की सराहना की जा रही है। यह घटना कानून-व्यवस्था के प्रति पुलिस की जवाबदेही और अपराधियों के खिलाफ उसकी सक्रियता को दर्शाती है।