सिकंदराबाद में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का तीसरा दिन
भोपाल
सुर-असुर ही नहीं भगवान भी जिन्हें शीश नवाते हैं, जो ईश्वर की पदवी से भी ऊपर है, वह है मां। जी हां माँ ही सृष्टि की सर्वोपरि शक्ति है। माँ ही संसार का सबसे बड़ा वरदान है, जिन्हें ईश्वर भी शीश झुकाते हैं। यह उद्गार मालवा माटी के सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित गोविंद जाने जी महाराज ने हुजूर तहसील के अंतर्गत रातीबड़ के समीप ग्राम सिकंदराबाद में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को व्यक्त किए। भक्त ध्रुव चरित्र की कथा का वर्णन करते हुए परम श्रध्देय गुरूदेव गोविन्द जाने महाराज भागवत कथा मैं कहा कि जहां 5 वर्ष की उम्र में ही बालक ध्रुव ने ईश्वर की भक्ति कर भगवान की गोद पर अपना अधिकार कर लिया था। अर्थात प्रभु गोद में बैठ गए थे, वहीं ईश्वर सत्ता के परम अधिकारी भक्त ध्रुव ने प्रभु के वरदान के चलते हैं हजारों वर्ष धरती पर राज्य किया। अंत में जब स्वर्गलोक जाने का उनका समय आया तो भगवान ने उनके लिए सशरीर स्वर्ग में जाने की व्यवस्था की और उन्हें ले जाने के लिए विमान भेजा। जब विमान राजा ध्रुव के यहां उतरा तो उन्होंने विमान में जाने से यह कहकर असमर्थता जताई कि हे प्रभु यदि मैं विमान के द्वारा सशरीर स्वर्ग में जाने का अधिकारी हूं तो मेरी मां सुनीति जिन्होंने मुझे जन्म दिया और इस योग्य बनाया कि मैं प्रभु के दर्शन कर सका तो वह मां मुझसे पहले स्वर्ग के अधिकारी हैं। यदि मुझे आप सशरीर स्वर्ग ले जाना चाहते हैं तो आप एक नहीं दो विमान भेजिए ताकि मुझसे पहले मेरी मां सशरीर विमान के द्वारा आपके धाम पहुंच सके। गुरुदेव आचार्य जी ने कहा कि पुत्र वही सुपुत्र होता है जो अपने माता पिता की सेवा कर उन्हें स्वर्ग का रास्ता यानी मोक्ष की प्राप्ति में सहायक हो सके। कथा के दौरान आचार्यश्री ने ऐसे कई प्रसंगों पर प्रकाश डाला जो हमें जीवन में सनातन संस्कृति की ओर ले जाते हैं और अंततः बालक ध्रुव की तरह मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस अवसर पर मध्य प्रदेश मीना समाज सेवा संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी लीलेंद्र सिंह मारण, सरपंच राजेश मारण, बद्री चौकसे पूर्व सरपंच, रघुवीर मारण, मोहन विश्वकर्मा, अभिषेक मारण, आशीष चौकसे, चेतन सिंह रावत सहित लगभग ढाई हजार श्रद्धालु कथा पंडाल में मौजूद थे, जिन्होंने आज तीसरे दिन की कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव आज: श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ आयोजन समिति के रघुवीर कुमार ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के दौरान शनिवार को चौथा दिन भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा जिसमें भगवान श्री कृष्ण की आकर्षक मनमोहक झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन 22 नवंबर को पूर्णाहुति एवं विशाल भंडारे के साथ होगा।