मां, रानी गौड़ ने पुलिस अधीक्षक चित्रकूट को आवेदन देकर लगाई न्याय की गुहार।
ब्यूरो चित्रकूट
चित्रकूट। योगी सरकार में जनपद की कानून व्यवस्था पर उठाये जा रहे सवाल दरोगा की कार्यशैली से जनपद में पुलिस की हो रही निंदा। चित्रकूट के कर्वी कोतवाली अंतर्गत रामघाट सीतापुर निवासी रानी गौड़ पत्नी अरुण कुमार ने बताया गया कि मेरे पुत्र गोधा उर्फ अनुज को 20 नवंबर 2024 को फर्जी चोरी की मोटरसाइकिल पर बैठकर फोटो खींच कर चोरी के जुर्म में पकड़ लिया।खोही, परिक्रमा मार्ग चौकी प्रभारी रमेश सिंह यादव ने मेरी लड़की के फोन पर बात कर मेरा नंबर लिया और उसके बाद दरोगा ने मेरे मोबाइल पर फोन कर कहा तुम कहां हो। महिला ने बताया कि मैं रामघाट में हूं ।तो खोही इंचार्ज ने कहा तुम कर्वी कोतवाली आ जाओ और जैसे पहुंचना बाहर से ही फोन लगाना। मैं कोतवाली कर्वी पहुंच कर बाहर से ही फोन लगाया तो खोही दरोगा ने मुझसे कहा कि तुम्हारे लड़के को यहीं से छुड़वा दूंगा लेकिन पैसा लगेगा तो मैंने कहा कि कितना पैसा लगेगा तो कहा कि पचास हजार रुपए लगेगा। क्यों कि मैं जूते चप्पल की दुकान करती हूं तो मेरे पास बिक्री के पैसे थे।तो मैं पैसे जेब से निकाल कर देने लगी तो खोही इंचार्ज ने कहा ऐसे पैसे नहीं दिए जाते और अपनी जेब से सफेद रुमाल निकाल कर दिया और कहा इसमें लपेट कर दो। पैसे देने के बाद मैंने कहा साहब मेरे लड़के को छोड़ दो तो बोले अभी थोड़ी देर में छोड़ रहें हैं और जब मेरे लड़के का चालान पेश हो गया तो मैं फिर पैसे वापस करने की बात कही तो बोले कि खोही आ कर ले लेना तो मैं बोली साहब मैं खोही में आपको नहीं जानती की आप कहां रहते हैं मैं आपको कोतवाली कर्वी में पैसा दी हूं मुझे आप वही पर आकर दे दीजिए। इसके बाद मेरे मोबाइल फोन के नंबर ब्लॉक कर दिया और पचास हजार रुपए भी ले लिए और लड़के को जेल भी भेज दिया। पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह को लिखित आवेदन देकर खोही इंचार्ज की काली करतूतों की जांच कर पैसे वापस करने व कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। पहला बडा सवाल यह है कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जायेगा तो जनपद की जनता अपनी फरियाद लेकर कहां जाएगी। दूसरा दरोगा की काली करतूतों से जनपद चित्रकूट के जनप्रिय पुलिस अधीक्षक की छवि के साथ साथ जिले की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।