फलका(कटिहार)। फलका प्रखंड के एक रिक्शा चालक ने गांव के बच्चों के पठन- पाठन के लिए अपनी जमीन विद्यालय के लिए दान में थी। स्कूल अपने नाम कराने को लेकर दर दर भटक रहे हैं।
प्रखंड के सोहथा दक्षिण पंचायत के गोपालपट्टी घाट निवासी रिक्शा चालक गणेश मंडल व दुलारी देवी ने विद्यालय के लिए जमीन दान में दी थी।
अब तक भूमिदाता रिक्शाचालक के नाम से स्कूल का नामकरण नहीं हो पाया है। इसको लेकर भूमिदाता ने कई बार जिलाधिकारी व शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया है।
रिक्शा चालक ने विद्यालय भवन के निर्माण के लिए अपनी जमीन दान में देने का फैसला किया
भूमिदाता ने कहा कि उनके गांव में वर्ष 2007 में नया प्राथमिक विद्यालय का सृजन किया गया। लेकिन विद्यालय के भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं थी। विद्यालय का संचालन एक पेड़ के नीचे किया जाता था। इस कारण बच्चों को पठन पाठन में परेशानी का सामना करना पड़ता था। विद्यालय भवन निर्माण के लिए अपनी जमीन दान में देने का फैसला किया।
15 वर्ष बाद भी स्कूल का नामकरण भूमिदाता के नाम पर नहीं किया गया
विभाग द्वारा कहा गया कि नवसृजित विद्यालय का नामकरण भूमिदाता के नाम पर किया जाएगा। विभागीय कार्रवाई के बाद हम दोनों पति-पत्नी राज्यपाल के नाम से जमीन रजिस्ट्री कर दिए। 15 वर्ष बाद भी स्कूल का नामकरण भूमिदाता के नाम पर नहीं किया गया। उन्होंने विद्यालय का नाम गणेश दुलारी प्राथमिक विद्यालय गोपालपट्टी घाट किए जाने की मांग की।बताते चले कि भूमिदाता गणेश मंडल रिक्शा चालक हैं।
गरीबी के कारण खुद उच्य शिक्षा हासिल नहीं कर पाने की मन में हमेशा टीस रहती थी। उनकी पत्नी दुलारी देवी ने विद्यालय के भवन निर्माण के लिए जमीन दान में देने को प्रेरित किया। गणेश मंडल के पुत्रों ने इसपर आपत्ति जताई थी। उन्होंने अपने बेटों को भी इस फैसले को लेकर मना लिया था।
उन्होंने अपने आवासीय भूमि से 10 डिसमिल जमीन विद्यालय के लिए दान कर दी थी। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं था। इसकी जांच कर नामकरण भूमिदाता के नाम करने का प्रस्ताव विभाग को भेजा जाएगा।