प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक युवक ने डॉक्टर गंभीर आरोप लगाया है। युवक के मुताबिक एक निजी नर्सिंग होम में पथरी का ऑपरेशन कराया था। इस दौरान डॉक्टरों ने पथरी का ऑपरेशन करने के बजाय उसकी किडनी निकाल ली। मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित युवक ने पेट में दर्द दोबारा शुरू हुआ तो अल्ट्रासाउंड कराया जिसमें किडनी न होने की पुष्टि हुई।
समझिए पूरा मामला
दरअसल, चौखड़ देवापुर निवासी संगीता वर्मा के 18 वर्षीय बेटे सचिन वर्मा के पेट में अक्सर दर्द होता था। कई प्राइवेट चिकित्सकों से इलाज कराया। आराम हो गया। सचिन अपने चाचा के साथ शहर को चला गया। अहमदाबाद में पेट में तेज दर्द होने पर जांच कराया तो पता चला कि दाहिने तरफ गुर्दे में 8.6 एमएम की पथरी है। सचिन गांव आया। उसके बाद अपने रिश्तेदार के माध्यम से अक्षत नर्सिंग होम में इलाज के लिए गया। जहां पर डॉक्टरों ने पथरी का ऑपरेशन कर दिया। इलाज के नाम पर 27 हजार रुपये भी लिए। और उसे 15 सौ रुपए की दवा भी दे दी। पीड़ित के मुताबिक जब तक उसने दवा खाई तब तक दर्द ठीक रहता है उसके बाद उसे फिर से दर्द शुरू हो गई। इस पर उन्होंने दो अलग-अलग सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराया, जिनमें पेट में एक किडनी न होने की बात पता चली।
पीड़ित ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
पीड़ित परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं नर्सिंग होम संचालक ने बताया कि मरीज जब अस्पताल में ऑपरेशन कराने आया था उस समय भी उसकी किडनी सिकुड़ी हुई थी। ऑपरेशन के बाद और सिकुड़ गई होगी। इस लिए अल्ट्रासाउंड जांच में दिखाई नहीं पड़ रहा है। एमआरआई जांच कराए तो किडनी जरूर दिखेगी। फिलहाल पीड़ित की शिकायत पर सीएमओ टीम बनाकर इस मामले में जांच कराने की बात कही है। अब देखना होगा कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या फिर जांच नाम पर मामले को दबा दिया जाता है।