ऑपरेशन थिएटर की फोटो पोस्ट या वायरल करना अव्यवसायिक और




चर्चा आज की फतेहपुर ब्यूरो
फतेहपुर। जनपद में ऑपरेशन थियेटर से ऑपरेशन के दौरान रोगी की फ़ोटो वॉयरल कर चिकित्सा पेशे को धूमिल करने का मामला सामने आया है। ऑपरेशन थिएटर की फोटो पोस्ट या वायरल करना अव्यवसायिक और रोगी की प्रति असम्मानजनक माना जाता है। ऐसे में डॉक्टर द्वारा दिशा निर्देशों का उलंघन कर रोगी की गोपनीयता भंग करना आम जनमानस में ही नही स्वास्थ्य विभाग में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का दबी जुबान कहना है कि डॉक्टरों को दिशा निर्देशों से परिचित होना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए क्योंकि ऑपरेशन थिएटर की फोटो वायरल या सार्वजनिक करना चिकित्सा पेशे को प्रभावित करता है ऐसे में रोगी का स्वास्थ्य महकमे से विश्वास खत्म होता है, और समाज मे उसका मान-सम्मान कम या खत्म हो सकता है। पड़ताल में पता चला कि दो डॉक्टरों के साथ एक अन्य व्यक्ति की ऑपरेशन थिएटर के अंदर रोगी के ऑपरेशन करने के दौरान की फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक अकाउंट पर वायरल की गई है। ये फेसबुक अकाउंट DrRakesh Sahu Mbbs के नाम से बना हुआ है। सोशल मीडिया में जो तस्वीरें सामने आई है, उनमें दो डॉक्टरों द्वारा एक मरीज का ऑपरेशन करने के दौरान एक व्यक्ति और भी मौजूद दिख रहा है। गंभीर हालत में डॉक्टर द्वारा फोटो सेशन कराने पर सवालिया निशान उठने लगे हैं, जोकि आम जानमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है, कि डॉक्टर रोगी की गोपनीयता और व्यवसायिकता कैसे भंग कर सकते हैं। इससे चिकित्सा पेशे की छवि भी धूमिल हो रही है। लोगों को कहना है कि मामले को गम्भीरता से लेकर स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को जांच कर नैतिकता के पहलुओं और गोपनीयता की धारा के उल्लंघन पर कार्रवाई करनी चाहिए। वही इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार एसीएमओ डॉक्टर इश्तियाक का कहना है कि फोटो वायरल तो नही कर सकते और उन्होंने जांच की बात भी कही है। वही यह फोटज देखने के बाद नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों को व्यवसायिकता और गोपनीयता को बनाए रखना चाहिए ऑपरेशन थिएटर की फोटो पोस्ट या वायरल करना अव्यवसायिक और रोगी की प्रति असम्मानजनक माना जाता है। डॉक्टरों को दिशा निर्देशों से परिचित होना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए क्योंकि ऑपरेशन थिएटर की फोटो वायरल या सार्वजनिक करने से चिकित्सा पेशे से लोगों का विश्वास खत्म होगा। जिससे स्वास्थ्य पेशा प्रभावित हो सकता है। वही समाज मे रोगी की छवि भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए डॉक्टर को रोगी की गोपनीयता और व्यवसायिकता प्राथमिकता देनी चाहिए।
