चंडीगढ़। पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन ने बीते कल एक नोटिस जारी करके इलेक्ट्रिकल सहायक इंस्पेक्टरों की होने वाली भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। नोटिस में ऐसा करने प्रशासनिक कारण बताया गया है।
इससे पहले आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग की 16 प्रिंसिपलों के पदों को भरने के लिए ली जाने वाली परीक्षा भी इसी तरह स्थगित कर दी गई है। यही नहीं, पीसीसी बनने वालों के लिए होने वाली परीक्षा भी स्थगित कर दी है और इसका कारण भी प्रशासनिक बताया गया है।
पीपीएससी के चैयरमैन का पद छह महीने से है खाली
दरअसल पिछले छह महीने से पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन में चेयरमैन का पद खाली है। जगबंस सिंह के रिटायर होने के बाद सरकार ने अयोग की मेंबर जमीत कौर तेजी को चेयरमैन का कार्यभार दिया था लेकिन वह भी सितंबर महीने में रिटायर हो गईं। तब से यह पद खाली पड़ा है और जब तक यह चेयरमैन नियुक्त नहीं होता, किसी भी महकमे में नई भर्ती नहीं की जा सकती।
सरकार ने दो बार नए चेयरमैन के लिए आवेदक मांग चुकी है लेकिन नई नियुक्ति नहीं हुई है। माना जा रहा था कि 30 जून को रिटायर हुए मुख्य सचिव वीके जंजुआ को इस पद पर लगाया जाएगा। उन्होंने 22 जून को इसके लिए आवेदन भी कर दिया था लेकिन यह नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है।
सीएम व राज्यपाल विवाद के चलते नहीं हो पाई नियुक्ति
विभागीय सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच चल रहे विवाद का ही यह असर है कि आयोग के चेयरमैन के पदों पर नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। राज्यपाल सरकार के किसी व्यक्ति को लगाने की बजाए तीन सदस्यीय पैनल में से किसी एक को चुनने को प्राथमिकता देते हैं जिस कारण आयोग के पदों पर चेयरमैन लगाने की प्रक्रिया ढीली पड़ गई है।
इसका असर अब प्रशासनिक कामों पर होने लगा है। मसलन पीपीएससी का मुख्य काम अधिकारी स्तर पर होने वाली नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया चलानी होती है। तीन भर्ती प्रक्रियाएं स्थगित होने से इन पर नई नियुक्तियां नहीं हो रही हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त का पद भी है खाली
ऐसा नहीं है कि ऐसा केवल पीपीएसी के साथ हो रहा है। पंजाब राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त का पद भी सितंबर से खाली पड़ा है। पूर्व डीजीपी सुरेश अरोड़ा के रिटायर होने के बाद अभी तक नहीं भरा जा सका है। माना जा रहा था कि इस पद पर 31 जुलाई को रिटायर हुए मुख्यमंत्री के एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी ए.वेणुप्रसाद को लगाया जाएगा लेकिन उनकी नियुक्ति भी नहीं हुई है।
यही हाल एससी कमीशन का है। यह पद तो अक्टूबर 2021 से खाली पड़ा हुआ है जिस कारण आयोग के पास अनुसूचित जाति के लोगों को प्रताड़ित करने संबंधी जो भी शिकायतें आ रही हैं उन सभी को लंबर तारीख डालकर आगे किया जा रहा है। आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए तीन बार विज्ञापन दिया जा चुका है।
इसके बावजूद न तो चेयरमैन हो पाई और न ही सदस्यों की। काबिले गौर है कि दस सदस्यीय इस आयोग में सदस्यों की गिनती में कटौती करके इसे पांच कर दिया गया है। इस समय आयोग में केवल दो सदस्य ही काम कर रहे हैं।