जब एक बार किसी प्राेफेसर या प्राचार्य का कॉलेज काेड 28 में चयन (इंटरव्यू के बाद) हाे जाता है ताे संस्थान बदलने पर दाेबारा इंटरव्यू क्याें लिया जाता है। जाे प्राेफेसर एक बार कॉलेज में पढ़ाने या संबंधित पद के लिए पात्र हाे गया ताे क्या वह कॉलेज बदलते ही अपात्र हाे जाएगा? यूनिवर्सिटी काे तत्काल इस मामले में निर्णय लेना चाहिए कि जाे भी फैकल्टी एक बार कॉलेज काेड 28 में चयनित हाे गई, ताे उसे बार-बार इंटरव्यू नहीं देना हाेगा।
यह मुद्दा देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त कॉलेजाें के प्राचार्याें की गुरुवार काे हुई बैठक में उठाया। इसके सहित कई मुद्दाें पर लंबी चर्चा हुई। 30 से ज्यादा प्राचार्य विभिन्न समस्याओं पर चर्चा के अशासकीय कॉलेज प्राचार्य मंच के बैनर तले जुटे और यूनिवर्सिटी की खामियाें के खिलाफ माेर्चा खाेला। तय किया गया कि सात अहम बिंदुओं पर कुलपित व रजिस्ट्रार से मिलकर यूनिवर्सिटी काे ज्ञापन साैंपा जाएगा।
बैठक में प्राचार्याें ने कहा कि एक तरफ यूनिवर्सिटी ने बीकॉम,बीए और बीबीए जैसे काेर्स काे परीक्षा शुल्क भी पिछले कुछ सालाें में दाेगुना कर दिया। एमबीए जैसे काेर्स का ताे तीन गुना हाे गया, लेकिन परीक्षा कार्य में ड्यूटी देने वाली फैकल्टी का भत्ता नहीं बढ़ाया।
वीक्षक, सेंटर सुप्रीटेंडेट से लेकर परीक्षा कार्य में लगे किसी भी फैकल्टी काे बरसाें से वही भत्ता दिया जा रहा है। इसे दाे से तीन गुना बढ़ाया जाना चाहिए। संचालन प्राचार्य संघ के अध्यक्ष डॉ. राजीव झालानी ने किया। बैठक में सचिव डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. संगीता भारूका, डॉ. साैरभ पारिक,डॉ. साेनल सिसाैदिया, डॉ. तरणजीत सिंह सूद,डॉ. अनस इकबाल सहित 30 कॉलेजाें के प्राचार्य थे।
मान्यता अन्य कोर्स की, परीक्षा प्लेन काेर्स की क्यों
बैठक में नई एजुकेशन पॉलिसी से जुड़ा एक अहम विषय उठा। इसमें प्राचार्यों ने कहा कि शासन ने 2023-24 के लिए मान्यता बीकॉम टैक्स प्राेसीजर, कम्प्यूटर, अकाउंट एंड टैक्स मैनेजमेंट जैसे काेर्स की दी है ताे यूनिवर्सिटी परीक्षा प्लेन काेर्स की क्याें ले रही है। बीकॉम, बीए, बीएससी, बीबीए व अन्य यूजी काेर्स के 72 स्पेशलाइजेशन काेर्स की परीक्षा भी हाेना
चाहिए, उन्हें प्लेन काेर्स नहीं मानना चाहिए।
ये भी मुद्दे उठे
- यूनिवर्सिटी संबद्धता शुल्क के साथ 18 फीसदी जीएसटी भी वसूलती है, लेकिन उसके पास काेई जीएसटी नंबर क्याें नहीं है। उसे नंबर बताना चाहिए।
- सभी कॉलेजाें काे परीक्षा केंद्र बनाया जाए। छात्राें काे चार-पांच किलाेमीटर से ज्यादा दूर सेंटर अलॉट न किए जाएं। सेंटराें काे राशि एडवांस दी जाए। सात दिन पहले यह राशि दी जाना चाहिए।
- टीचर्स वेलफेयर फंड के कराेड़ाें जमा हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी बताए कि अब तक कितनी फैकल्टी की मदद की। काेविड के समय इतने बुरे हालात रहे, लेकिन एक भी पैसा क्याें नहीं दिया गया?