




रिपोर्टर कुलदीप पाठक
सफाई कर्मचारी ने जिलाधिकारी के आदेशों की उड़ाई धज्जियां।
जनपद में बाबू बने सफाई कर्मचारी।
संभल/बहजोई आप अंदाजा भी नही लगा सकते की एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी इतना पावरफुल हो सकता है,जी हां आप सोचने को मजबूर हो जाएंगे की जनपद में कई जिलाधिकारी आये और चले गए और आदेश भी दिए परन्तु दबंग सफाई कर्मचारी ने जिलाधिकारी के आदेशों की धज्जियां उडा दी।
कोन है वह कर्मचारी जिसने जिलाधिकारी के आदेशों को हवा में उडा दिया
जी हां आप सही समझ रहे है वो और कोई नहीं पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में तहनात चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी,जो सफाई कर्मचारी हैं और उसको उसके आकाओं ने आफिस का मुख्य बाबू बना दिया,वह और कोई नही दिनेश नाम का सफाई कर्मचारी हैं जिसकी शिकायत वर्षों से की जा रही है परन्तु आज तक उस पर कार्रवाई नहीं हुई।
20जनवरी को फिर से उसकी शिकायत जिलाधिकारी से की,
जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट को जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में लिपिक का कार्य कर रहे सफाई कर्मचारी श्री दिनेश कुमार पुत्र श्री रमेश चंद को अन्य सफाई कर्मचारियों की भांति उसका मूल कार्य करने हेतु मूल तैनाती के ग्राम में भेजने के निर्देश दिए। यहां यह ध्यान आकृष्ट करना है की जिला पंचायत राज अधिकारी संभल के कार्यालय में उक्त सफाई कर्मचारी दिनेश कुमार लगभग लगभग 14 वर्षों से लिपिक का कार्य अवैध रूप से कर रहा है और और इसने उक्त कार्यालय में रहकर करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम कर रखी है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी महोदय संभल को श्री शिवराज सिंह द्वारा भी की गई है। अब यह देखने का विषय है की जिलाधिकारी संभल द्वारा उक्त प्रकरण में आगे क्या कार्रवाई की जाती है।
क्या जिला पंचायत अधिकारी संभल एवं मुख्य विकास अधिकारी सम्भल उक्त सफाई कर्मचारी दिनेश कुमार से गाँव में नाली साफ करने का कार्य करा पायेंगे या नहीं।
कोन सी ऐसी शक्ति है उसके पास की अधिकारियों के सभी शस्त्र धराशाई हो रहे है
आख़िर उस सफाई कर्मचारी के पास ऐसी कोन सी शक्ति है जिसके चलते जिलाधिकारी के आदेश का कोई फरिक नही पड़ रहा ,उसके पीछे किसका हाथ है, परन्तु एक सवाल सबके मन में आ रहा है कि उसके पास जिलाधिकारी से बडी पावर है।
देखते है कि क्या इस बार हो सकती है कोई कार्रवाई या फिर हर बार की तरह उसी की जीत
