आगरा। यमुना की गंदगी में पनपने वाला कीड़ा गोल्डीकाइरोनोमस ताजमहल का पीछा नहीं छोड़ रहा है। यमुना किनारा की तरफ हो रही पच्चीकारी पर कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी के दाग एक बार फिर नजर आ रहे हैं।
यमुना में जल स्तर कम होने और पानी का बहाव कम होने पर गोल्डीकाइरोनोमस पनपता है। यमुना की दशा में सुधार होने पर ही ताजमहल को इससे राहत मिल सकती है।
2015 से पनप रहा है कीड़ा
ताजमहल की उत्तरी दिशा में यमुना है। वर्ष 2015 से यमुना की गंदगी में पनपने वाले कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़ी जाने वाली गंदगी के दाग ताजमहल पर देखे जा रहे हैं। 28 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान होने और यमुना में जल स्तर कम होने पर पनपने वाला कीड़ा ताजमहल के सफेद संगमरमर की तरफ आकर्षित होकर उस पर गंदगी छोड़ता है।
हरे व भूरे रंग के दाग आते हैं नजर
गंदगी के वर्षा के पानी के संपर्क में आने से ताजमहल की दीवार पर हरे व गहरे भूरे रंग के दाग नजर आते हैं। ताजमहल की पच्चीकारी में बने फूलों के ऊपर कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी के दाग इन दिनों नजर आ रहे हैं।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल में कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी को साफ करने का काम रसायन शाखा कर रही है। कुछ जगहों पर सैंपल लेने के लिए दाग छोड़े गए हैं। सैंपल लेने के बाद उन्हें साफ कर दिया जाएगा। कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी से स्मारक को कोई क्षति नहीं होती है।