रायपुर। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा है कि हाल के दिनों में हुई लगातार बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात के कारण किसानों की रबी और उद्यानिकी फसलों की बर्बादी के बाद भी प्रदेश सरकार आपदाग्रस्त किसानों की कोई सुध नहीं ले रही है। शर्मा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की खामोशी और सियासी पाखंड को देखते हुए लग नहीं रहा है कि वह किसान के बेटे हैं।
संदीप शर्मा ने कहा कि अप्रैल-मई में बारिश ने वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले लगभग पखवाड़ेभर से लगातार हो रही बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात से रबी और उद्यानिकी फसलें तबाह हो गई है, और किसानों का समूचा अर्थतंत्र चरमरा गया है। खासकर धान की फसल की हालत तो यह है कि लगभग 40 प्रतिशत धान के दाने खेत में ही झड़ गए हैं। ग्रामीण कृषि कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आपदा के ऐसे समय में प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल, जो खुद के किसान और किसान का बेटा होने का ढिंढोरा पीटते घूमते हैं, कहाँ है? उनका कहीं अता-पता नहीं है! कभी-कभी तो मुख्यमंत्री बघेल के इस रवैए पर हैरानी होती है। आज जबकि पटवारी को बुलाकर आनावारी रिपोर्ट तैयार कराने, फसलों की क्षति का आकलन कराने और छत्तीसगढ़ के आपदा पीड़ित किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की घोषणा करने की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब यह सारे जरूरी काम छोड़कर मुख्यमंत्री बघेल न जाने किस कार्य में मशगूल हैं? मुख्यमंत्री बघेल की गतिविधियों को देखते हुए प्रदेश के जनमानस में सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री बघेल सचमुच किसान के बेटे हैं?