आरक्षण पर सियासी बवाल जारी है। राजभवन में आरक्षण का विधेयक अटका हुआ है। राज्यपाल ने अब तक 10 दिन बीतने के बाद भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मगर नेताओं के इस मामले पर बयान और आपस में तीखी नोंक-झोंक सामने आ रही है। इस बार जो बयान अजय चंद्राकर ने दिया है, उसे कांग्रेस स्तरहीन बता रही है।
अजय चंद्राकर ने रायपुर में मीडिया से चर्चा में कहा- ये विषय आम जनता से जुड़ा विषय है। कांग्रेस पार्टी ने बिना अध्ययन के आरक्षण लागू करने का प्रयास किया है। विधानसभा में हमारी सभी आपत्तियों को दरकिनार कर दिया गयाा। सिर्फ और सिर्फ भानुप्रतापपुर उप चुनाव की वजह से जानबूझकर ऐसा कदम उठाया गया। आज छत्तीसगढ़ का ST,SC,OBC हर वर्ग का युवा छला हुआ महसूस कर रहा है।
चंद्राकर
ने आगे अपने बयान में कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती की यहां के लोगों को
नौकरी मिले, ये नहीं चाहती कि यहां के लोग पढ़ें लिखें। नौकरियां न देनी
पड़ें, प्रवेश न मिले, बस यहां के लोग गोबर बेचें और गोबर एकत्र करें इसी
औकात के लाेग छत्तीसगढ़ के रहें ये कांग्रेस चाहती है।
कांग्रेसियों के हाथ फेवीकोल से जुड़े हैं
हाथ
जोड़ो यात्रा पर तंज कसते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कांग्रेसियों के हाथ
गांधी परिवार के सामने फेवीकोल से जुड़े हैं और क्या हाथ जोड़ेंगे। जनता के
सामने हाथ जोड़ना है तो ये बताएं कि पूरी तरह से शराबबंदी कब होगी, बुजर्गों
को पेंशन देना था, बेरोजगारों भत्ता उसका क्या हुआ। फिर जनता के पास जाएं,
उपचुनाव तो हर जगह सरकार के अनुकूल चलता है ये कोई पैरामीटर नहीं है। असली
चुनाव अब शुरू होगा, असली रण तैयार होगा तो पता चलेगा कांग्रेस को।
कांग्रेस बोली- चंद्राकर में ज्ञान का ओवर फ्लो
कांग्रेस
संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने अजय चंद्राकर के बयानों की आलोचना की
है। उन्होंने कहा- अजय चंद्राकर के अंदर ज्ञान का ओवर फ्लो हो रहा है। वो
भाजपा के बड़बोले नेता हैं। भाजपा के नेताओं में फ्रस्टेशन है, इसलिए इस
प्रकार का बयान दे रहे हैं । यहां इनके पास कुछ करने को है नहीं, यहां
शून्य की स्थिति में हैं। इसलिए इस तरह के बयान देते हैं।
शुक्ला ने कहा- अजय चंद्राकर का बयान बेहद स्तरहीन है, सरकार की मंशा स्पष्ट है। इसलिए आबादी के आधार पर आरक्षण का प्रावधान सभी वर्गों के लिए किया जा रहा है। भाजपा नहीं चाहती है कि आरक्षण लागू हो, यदि अजय चंद्राकर में साहस है तो राज्यपाल से कहिए हस्ताक्षर करें, भाजपा की वजह से प्रदेश का युवा परेशान हुआ, इनकी अक्रमण्यता की वजह से कोर्ट में आरक्षण कम हुआ अब इनके विद्वेष की वजह से आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं हो पा रहे हैं।