बक्सर। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग जिले में हो रही है। इन शिक्षकों की पोस्टिंग वहां भी कर दी गई है, जहां रिक्ति है ही नहीं। और तो और शहरी क्षेत्र में जहां इन शिक्षकों की पोस्टिंग नहीं करनी थी, वहां भी पोस्टिंग कर दी गई है। ऐसे में व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना मो. शारीक अशरफ ने बताया कि डाटा की गलत एंट्री से इस तरह की गड़बड़ी हो सकती है। बताया गया कि मध्य विद्यालय चिलहर, इटाढ़ी में छठ से आठवीं तक की पढ़ाई होती है, लेकिन वहां शिक्षक एक से पांच वाले चले गए हैं।
कॉमर्स के शिक्षकों को ये कहां भेज दिया
इसी तरह मध्य विद्यालय, नियाजीपुर बालक में छह से आठ की पढ़ाई होती है और वहां भी एक से पांच वाले शिक्षकों की पोस्टिंग की गई है। अब सवाल खड़ा होता है कि छह से आठ वाले स्कूल में एक से पांच वाले शिक्षक क्या करेंगे। इसी तरह उच्च विद्यालय, सिमरी एवं राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, चक्की में कॉमर्स की पढ़ाई नहीं होती, लेकिन वहां कॉमर्स के शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गई है।
शहरी क्षेत्र की बात करें तो मध्य विद्यालय अहिरौली, उर्दू मध्य विद्यालय सारीमपुर एवं प्राथमिक विद्यालय सारीमपुर अब नगर परिषद के अंतर्गत आते हैं, लेकिन इन स्कूलों में भी शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गई है, जबकि शहरी क्षेत्र में इनकी पोस्टिंग नहीं करनी थी। अब सवाल खड़ा होता है कि इस तरह की पोस्टिंग यूं तो नहीं कर दी गई है।
डीपीओ स्थापना ने क्या कहा?
विभाग ने यहां से जो रिक्ति भेजी होगी, उसी के आधार पर पोस्टिंग की गई होगी। तो क्या विभाग ने गलत रिक्ति भेजी? बहरहाल इस बाबत पूछे जाने पर डीपीओ स्थापना ने बताया कि डाटा के खेल में हो सकता है, इस तरह की गड़बड़ी हुई हो।
उन्होंने बताया कि उसे बाद में ठीक कर लिया जाएगा। जहां पहले से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति होगी, वहां से उन्हें हटाया जाएगा। डीपीओ ने बताया कि अब तक 1496 शिक्षकों की पोस्टिंग जिले में हुई है। इनमें वर्ग एक से पांच तक के स्कूलों में सबसे ज्यादा 804, एक से पांच तक के उर्दू विद्यालयों में 204, नवमी-10वीं में 194 तथा 11वीं-12वीं में 284 शिक्षकों की पोस्टिंग की गई है।