केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वाणिज्य और कपड़ा मंत्रालयों के तहत सभी संस्थानों के परिसरों को स्टार्टअप्स के लिए इनक्यूबेटर बनना चाहिए। इसी के साथ देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के तरीकों की तलाश करनी होगी। उन्होंने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी), भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी), राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) आदि के प्रमुख सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान यह सुझाव दिया।
आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत
केंद्रीय मंत्री ने संस्थानों से इस बात का आत्मनिरीक्षण करने के लिए कहा
कि क्या उनकी शिक्षा कल की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार की है।
उन्होंने खुद को दुनिया के लिए बेहतर मार्केटिंग करके कैंपस प्लेसमेंट में
सुधार करने का आह्वान किया। उन्होंने संस्थानों से आत्मनिरीक्षण करने के
लिए कहा कि क्या उनकी शिक्षा कल की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार की
गई है।
संसाधनों को मजबूत बनाने पर जोर
पीयूष गोयल ने संसाधनों के अधिक प्रभावी इस्तेमाल के लिए साझा परिसरों पर
विचार करने और मजबूती के लिए विलय के बारे में सोचने का सुझाव दिया।
उन्होंने परीक्षण प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकियों के आधुनिकीकरण का आह्वान
किया, जिससे उन्हें विश्व स्तरीय बनाया जा सके। उन्होंने कहा, हमें भारत
की फैशन तकनीक को दुनिया के विकसित बाजारों में ले जाने की कोशिश करनी
चाहिए। गोयल ने यह भी कहा कि हमारे संकाय (फैकल्टी) आधार का विस्तार करने
के लिए भारी निवेश की जरूरत है। वाणिज्य मंत्री ने एक बयान में कहा कि देश
के डिजाइन के प्रतिष्ठित संस्थानों को अपने छात्रों की संख्या में कम से कम
दस गुना इजाफा करना चाहिए।