नई दिल्ली: रायपुर में होने वाले कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के दौरान कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के चुनावों को लेकर भले ही सस्पेंस बना हुआ है लेकिन केंद्रीय चुनाव संघ (सीईए) ने चुनाव की सारी तैयारी पूरी कर ली है। इस बारे में सीईए के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री का कहना था कि 24 अक्टूबर को रायपुर में होने वाली स्टीयरिंग कमेटी की मीटिंग में अगर सीडब्ल्यूसी चुनावों पर व्यापक सहमति बनती है तो हम फौरन इसकी शुरुआत कर सकते हैं। सीईए की तैयारी है कि अगर चुनाव की नौबत आती है तो एक दिन के नोटिस पर चुनाव करवाए जा सकते हैं, जिसमें नामांकन से लेकर मतपत्र तक सबकी व्यवस्था पूरी हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी के चुनावों की नौबत आने पर 25 फरवरी को चुनाव हो सकते हैं। इतना ही नहीं, पूरी चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी, ताकि हर तरह से पारदर्शिता बनी रही। उल्लेखनीय है कि लगभग 1300 एआईसीसी डेलिगेट्स हैं। इस हिसाब से इतने ही वोटर संख्या भी होगी। पांच से छह पोलिंग बूथ बनाकर वोटिंग करा दी जाएगी।
कुछ महीने पहले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर हुए चुनाव के वक्त तैयार किए गए सिस्टम के आधार पर इस बार भी चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सीडब्ल्यूसी में कुल 25 सदस्य होते हैं, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष व कांग्रेस संसदीय दल के नेता के दो पद आरक्षित होते हैं। बचे 23 पदों में 12 पदों के चुनाव के जरिए और 11 पदों पर अध्यक्ष द्वारा मनोनीत सदस्य होते हैं। इस लिहाज से 12 पदों पर चुनाव होने हैं।
यदि 12 उसे ज्यादा उम्मीदवारों का नामांकन आता है तो चुनाव की नौबत आएगी। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित गांधी परिवार सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव के पक्ष में है। वहीं कांग्रेस के असंतुष्ट समूह जी23 ने भी अपनी मांगों सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव की मांग की थी। वहीं पार्टी का एक खेमा इन चुनाव के विरोध में हैं। इसकी दलील है कि इस बार भी सीडब्ल्यूसी गठन की प्रक्रिया को चली आ रही परंपरा के हिसाब से पूरा किया जाए, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष अपनी टीम चुनता है। अगर चुनाव होता है तो लगभग 27 सालों बाद यह चुनाव होगा।
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