चंडीगढ़। पीजीआई में नेहरू अस्पताल के ब्लॉक सी में 12 अक्टूबर की देर रात 11.45 बजे लगी भयंकर आग ने दहला कर रख दिया। पीजीआई के वरिष्ठ अधिकारियों की सूझबूझ और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा समय पर मिली मदद से नेहरू अस्पताल के ब्लॉक-सी के 15 अलग-अलग वॉर्ड में इलाज के लिए भर्ती 424 मरीजों की जान बच गई।
मंगलवार सुबह एडवाइजर धर्मपाल ने पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल के साथ घटनास्थल का जायजा लिया। एडवाइजर ने पीजीआई निदेशक को ब्लॉक-सी को अगले कुछ दिनों के लिए पूरी तरह स्टाफ, फैकल्टी और मरीजों के लिए बंद रखने को कहा है।
फिजिबिल्टी रिपोर्ट के बाद ही मरीजों के लिए खुलेगा ब्लॉक
केवल सुरक्षा व्यवस्था के बीच कुछ कर्मचारियों को आग लगने के कारण, नुकसान हुए सामान या मलबा को बाहर निकालने के लिए ही लोगों को इमारत के इस हिस्से में जाने की अनुमति होगी। पीजीआई निदेशक ने बताया कि इंजीनियरिंग और इमारत के बुनियादी ढांचे के विशेषज्ञों को बुलाकर ब्लॉक-सी की फिजिबिल्टी रिपोर्ट तैयार करने के बाद ही इसे मरीजों के लिए दोबारा खोला जाएगा।
छत और दीवारों के सरिये भी पिघले
आग इतनी भयंकर थी कि मंगलवार दोपहर 12 बजे तक ब्लॉक-सी के कई वॉर्ड में जली हुई अलमारी, मरीज के बेड, मशीनों और चिकित्सीय सामग्री से आग की भपक उठ रही थी। इस अग्निकांड का मंजर इतना भयंकर था कि मंगलवार दोपहर को जब ब्लॉक-सी के तीसरे और चौथी मंजिल के वॉर्ड में राहत कार्य जारी था, तब छत और दीवारों में डले सरिये तक पिघल कर बाहर आ चुके थे। दरअसल, अग्निकांड के बाद इस इमारत की कई मंजिल पर स्थित अलग-अलग वॉर्ड पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं।
बुनियादी ढांचे पर पड़ा असर
आग लगने के कारण इमारत के बुनियादी ढांचे पर भी असर पड़ा है। ऐसे में जब तक इस घटनास्थल का निरीक्षण नहीं हो जाता, तब यह मरीजों के लिए जगह सुरक्षित नहीं है। ऐसे में एडवाइजर ने अगले 10 से 15 दिनों के लिए इस ब्लॉक के सभी वार्ड को फिलहाल मरम्मत कार्य पर डालने का कहा है।
आग से ऑपरेशन थिएटर का हुआ नुकसान
नेहरू अस्पताल के ब्लॉक सी के 15 अलग-अलग वार्ड में कुल 424 मरीज भर्ती थे। इनमें सी ब्लॉक में डायलिसिस यूनिट, एडल्ट किडनी यूनिट, रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट, महिला मेडिकल वॉर्ड, पुरुष मेडिकल वॉर्ड, गाइनी, मैटरनिटी, नर्सरी एवं न्योनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और 24 घंटे संचालित किए जाने वाले ऑपरेशन थिएटर का इस आग में नुकसान हुआ है।
15 अलग वॉर्ड में कुल 424 मरीज थे भर्ती
इन अलग-अलग वार्ड में भर्ती कुल 424 मरीजों में 351 व्यस्क, आइसीयू में 34, 80 गर्भवती महिलाएं, 56 नवजात शिशु और बाल चिकित्सा विभाग में 17 बच्चे भर्ती थे। इन सभी मरीजों को नेहरू एक्सटेंशन हॉस्पिटल और नेहरू अस्पताल के अन्य ब्लॉक ए, बी और डी ब्लॉक के अलग वॉर्ड में भर्ती किया गया है। आग लगने की वजह से एडवांस यूरोलाजी सेंटर और महिला सर्जिकल वॉर्ड को यहां से शिफ्ट किया गया है।
आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए 14 सदस्यीय कमेटी गठित की
आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल ने 14 सदस्यीय कमेटी की गठित की है। इस कमेटी का चेयरमैन डीन अकादमी प्रो. नरेश पांडा को बनाया गया है। प्रो. नरेश पांडा ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि ब्लॉक-सी के भू-तल में एक कंप्यूटर सेक्शन था। जहां बैटरी और यूपीएस पड़े थे। बताया जा रहा है कि इन बैटरी और यूपीएस में किसी चीज में शॉर्ट सार्किंट की वजह से यह आग लगी है। घटनास्थल से कुछ सैंपल लिए गए हैं। फॉरेंसिक रिपोर्ट और विभागीय जांच के बाद ही मुख्य कारणों का पता लगेगा।