गोंडा। अयोध्या धाम में भगवान राम के मंदिर का निर्माण पूरा हो रहा है तो सरयू नदी की सरहद पर आतंकियों के ठिकाने मिलना खतरे के संकेत हैं। जुलाई में ही एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने जिले से चार आतंकी को गिरफ्तार किया। इनमें से किसी का तार अलकायदा से तो किसी का संबंध आईएसआई से जुड़ा पाया गया है।
सहयोगियों की कुंडली भी खंगाली जा रही
आतंकवादी संगठन से जुड़े जिन चार आंतकियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है उनके अन्य सहयोगियों की कुंडली भी एटीएस खंगाल रही है। हिंदू से बने मुस्लिम सद्दाम के तार किस-किस से जुड़े हैं, इसकी छानबीन खुफिया एजेंसी कर रही है। वहीं, आईएसआई से कितने और लोगों के तार जुड़े हैं, उनकी भी तलाश तेज है।
14 लोग जांच के दायरे में
सूत्र के मुताबिक, 14 लोग जांच के दायरे में हैं। इन्हें एटीएस कभी भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। एटीएस की जांच में पाया गया है कि गिरफ्तार किए गए आतंकी बाबरी मस्जिद की शहादत व भारत में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की काल्पनिक तस्वीर दिखाकर लोगों को आतंकवादी संगठन से जोड़ते थे। सूत्र के मुताबिक, आतंकियों की सक्रियता सरयू की सरहद पर इसलिए बढ़ाई जा रही थी कि वह सड़क व नाव से अयोध्याजी में आसानी से प्रवेश कर सके। इनका मकसद कुछ भी हो, लेकिन एक माह में चार आतंकियों का पकड़ा जाना अच्छा संकेत नहीं है।
अलकायदा व हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा था सद्दाम
गत जुलाई में एटीएस ने देहात कोतवाली के करनपुर पठानपुरवा में भूमि खरीद कर अपना ठिकाना बनाने वाले सद्दाम शेख को गिरफ्तार किया था। सद्दाम आतंकवादी संगठन अलकायदा, हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा है। सद्दाम ने वर्ष 2008 में पठानपुरवा में भूमि खरीद कर घर बनवाया। वर्ष 2010 में पठानपुरवा की रहने वाली रूबीना से सद्दाम ने विवाह कर लिया। उसके दो बेटे व एक बेटी भी है।
सद्दाम ने 24 वर्ष पूर्व बदला था अपना धर्म
सद्दाम पठानपुरवा को ठिकाना बनाने से पूर्व अपना नाम शफीउल्ला लिखता था। उसने शफीउल्ला के नाम से पहली भूमि खरीदी थी। इसके बाद वह साजिश के तहत शफीउल्ला से सद्दाम बन गया। सद्दाम के नाम से आधार कार्ड बनवाया और कूटरचित शैक्षिक अभिलेख भी तैयार करा लिए। सद्दाम अपनी पत्नी, ससुरालवालों व गांव के लोगों से अपने को अनाथ बताता था। एटीएस की जांच में पाया गया कि सद्दाम ने अपना धर्म करीब 24 वर्ष पूर्व परिवर्तन किया था।
मूलरूप से हिंदू है सद्दाम
सद्दाम मूलरूप से हिंदू है। उसका नाम रंजीत सिंह है। वह मूलरूप से तरबगंज थाना बरसेड़ी गांव का रहने वाला है। वर्ष 1999 में रंजीत घर से भाग गया था। वह अपने मित्र आसिफ के पिता के माध्यम मुस्लिम धर्म अपना कर आतंकवादी संगठन से जुड़ गया था। वह पठानपुरवा को ठिकाना बनाकर आतंकवादी संगठन का कुनबा बढ़ाने का काम कर रहा था। वह इंटरनेट मीडिया पर बाबरी मस्जिद तोड़ने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर लोगों को भड़काने की साजिश करता रहता था।
आईएसआई का फैला है जाल
एटीएस ने गत 16 जुलाई को तरबगंज थाना के दीनपुरवा के रहने वाले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एजेंट मुहम्म्द रईस को गिरफ्तार किया है। मुहम्मद रईस मुंबई के एक होटल में वेटर का कार्य करता था। वहीं वह अरमान से मिला। बाबरी मस्जिद की शहादत का जिक्र कर अरमान ने मुहम्मद रईस को आईएसआई एजेंट बना दिया। मुहम्मद रईस पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा।
इसके बाद गत 18 जुलाई को एटीएस ने मुहम्मद रईस के साथी आईएसआई एजेंट वजीरगंज थाना के दुआबा के रहने वाले सलमान को गिरफ्तार किया था। एटीएस की जांच में पाया कि मुहम्मद रईस के गांव दीनपुरवा का रहने अरशद उर्फ मुकीम भी आईएसआई से जुड़ा है। एटीएस ने अरशद उर्फ मुकीम को गत 27 जुलाई को गिरफ्तार किया है।