सुल्तानपुर: सुल्तानपुर में नगर के ओमनगर निवासी सरस्वती विद्या मंदिर शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) विवेकानंद यादव के आवास पर जश्न का माहौल है। आखिर हो भी क्यों नहीं? उनकी इकलौती छोटी बहन सीमा यादव के पति मोहन यादव की सिर पर मध्यप्रदेश के सीएम का ताज जो सजा है। मोहल्लेवासी जहां घर पर आकर बधाईयां दे रहे वही रिश्तेदारों का फोन पर बधाई संदेश आ रहा है।
विवेकानंद मूल रूप से सुल्तानपुर सीमा से सटे अंबेडकरनगर जिले के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के तहसील भीटी अंतर्गत कोडड़ा डड़वा गांव के निवासी हैं। इनके पिता ब्रहमादीन यादव ने मुंबई से शिक्षा-दिक्षा हासिल किया और मध्य प्रदेश के रीवां पहुंच गए। वहां एक राजकीय स्कूल में जॉब मिल गई। 1987 में वो प्रधानाध्यापक के पद से रिटायर्ड हुए। ब्रह्मादीन के तीन बेटे और सबसे छोटी एक बेटी है। बड़ा बेटा रामानंद यादव इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ड होकर जबलपुर में फैमली के साथ शिफ्ट है।
1994 में हुई शादी
इसके बाद के सदानंद यादव रीवां में विद्या भारती में जॉब कर रहे हैं और विवेकानंद सुल्तानपुर में सरस्वती विद्या मंदिर शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) हैं। यहां वे करीब 23 वर्षों से रह रहें हैं। सबसे छोटी सीमा यादव ने रीवां से 1989 में भूगोल से एमए किया है। वे भी शुरू से संघ से जुड़ी रहीं। भाई आदि भी संघ से जुड़े रहे। ऐसे में मध्य प्रदेश में कार्यक्रम के दौरान सबकी भेंट हुई और 1994 में उज्जैन से जाकर परिवार वालों ने उनकी शादी की।
मोहन यादव के सीएम बनने की उम्मीद नहीं थी
अगस्त 2023 में वे पिता से मिलने घर आई थी। सीमा के भाई विवेकानंद बताते हैं कि हम लोगों को उम्मीद ही नहीं थी कि मोहन सीएम होंगे। हम तो ये समझ रहे थे जैसे सरकार में वे उच्च शिक्षा मंत्री से वैसे फिर कैबिनेट में जाएंगे, लेकिन आज टीवी देखा तो पता चला। उन्होंने कहा कि मनोज बहुत ही सरल विचार और स्वभाव के हैं। हमेशा उन्होंने हमारे परिवार को परिवार समझा। हम सब यही चाहते हैं कि वे सबका विकास करें। वहीं मोहन के ससुर ब्रह्मादीन कहते हैं कि एमपी का विकास हो और उसके साथ सुल्तानपुर का भी विकास हो।