भारत का चंद्रयान-3 अपने मिशन के आखिरी पड़ाव पर है। 23 तारीख को पूरे भारत की नजर इस ऐतिहासिक पल पर होंगी। इस बीच, इसरो अपने अगले संभावित चंद्रमा मिशन पर काम तेजी से कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इसरो अपना अगला चंद्रमा मिशन जापान की अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से पूरा करेगा।
जेएक्सए और इसरो रोवर और लैंडर पर कर रहे काम
इस मिशन का नाम लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (LUPEX) है जो जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) और बेंगलुरु मुख्यालय वाली भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। जेएक्सए और इसरो रोवर और लैंडर विकसित कर रहे हैं। रोवर न केवल इसरो और जेएक्सए के उपकरणों को बल्कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के उपकरणों को भी ले जाएगा।
इसरो ने एक बयान में कहा है कि एलयूपीईएक्स मिशन के लिए एक छोटे लैंडर के विकास पर भी चर्चा की गई। इसरो के एक अधिकारी के अनुसार, एलयूपीईएक्स मिशन को वर्ष 2025 में लॉन्च किया जाना है।
एलयूपीईएक्स मिशन इसकी करेगा खोज
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अनुसार लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन का उद्देश्य स्थायी गतिविधियों के लिए चंद्रमा पर आधार स्थापित करने के लिए चंद्र ध्रुवीय क्षेत्र की उपयुक्तता की खोज करना है। इसी के साथ इसका उद्देश्य चंद्रमा पर जल-बर्फ संसाधनों की उपलब्धता के संबंध में ज्ञान प्राप्त करना, वाहन परिवहन और जीवित रहने के लिए चीजों के बारे में पता लगाना है।
कल चंद्रमा पर उतरेगा चंद्रयान 3
चंद्रयान 3 चांद की सबसे नजदीक कक्षा में पहुंच गया है। चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर कल यानी 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंड करेगा। चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर कल लैंडिंग से दो घंटे पहले स्थिति का जायजा लेगा, अगर लैंडर लॉड्यूल की सेहत और चांद पर स्थिति सही नहीं रही तो लैंडिंग को 27 अगस्त तक टाला जा सकता है। चंद्रयान 3 के लैंडिंग के अंतिम क्षण काफी अहम होने वाले हैं।