संभल। जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर को लेकर संभल में भड़की हिंसा के पीछे असली मास्टरमाइंड कौन था? इसकी पुलिस तलाश कर रही है, लेकिन जिस वक्त आगजनी, पथराव और फायरिंग हुई, उस वक्त खतरनाक तैयारी और अफवाहों से उपद्रवियों के मंसूबे कुछ बड़ा करने के थे।
वह पुलिस से आर पार की जंग में एलान कर पुलिस को खदेड़ने की योजना बना चुके थे, लेकिन पुलिस ने परिस्थितियों को भांपते हुए स्थिति को नियंत्रण में किया। यह सब पुलिस की जांच और गिरफ्तार किए गए आरोपियों से की गई पूछताछ में उजागर हो रहा है।
फिलहाल, पुलिस अब तक 700 से अधिक उपद्रवियों को चिह्नित कर चुकी है, जिसमें पुलिस ने करीब 150 लोगों के पोस्टर गुरुवार को तैयार किए हैं, जिन्हें सार्वजनिक किया जा रहा है।
समीर के मोबाइल से मंसूबे भी उजागर
दरअसल, संभल पुलिस हिंसा में आगजनी, पथराव और फायरिंग करने वाले उपद्रवियों में से अब तक 31 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पहले दिन कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया था, इसके बाद सात अन्य को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
गिरफ्तार उपद्रवियों से पूछताछ में पर्दे के पीछे के मंसूबे भी उजागर हो रहे हैं। इन लोगों से बरामद हुए मोबाइल से कुछ अलग-अलग लोगों से बातचीत के कॉल रिकॉर्डिंग बरामद हुए हैं, जिसमें लोग दूसरे लोगों को घटनास्थल पर सामान सहित पूरी तैयारी के साथ बुलाने की बात कह रहे हैं, जिसमें असलहे को साथ लेकर आने के संकेत किए जा रहे थे।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार समीर के मोबाइल से मिले कॉल रिकॉर्डिंग में समीर दो लोगों से बात करता है।
वारिस- किधर है भाई यह बता…
समीर (कॉलर)- सामान लगा के लईए सामान…
वारिस- है किधर…
समीर- जामा मस्जिद के थोड़ा इधर…
वारिस- किधर…
समीर- जहां जुबैर भाई का घर है।
सुभान नाम के दूसरे व्यक्ति से बात होती है-
समीर- सुभान भाई.. ऐसा है अपने मोहल्ले से जितने को का सकते हो ले आओ, जामा मस्जिद पर… दुबारा मामला बिगड़ गया है..पब्लिक ही पब्लिक है।
अफवाह में मस्जिद को शहीद किए जाने का दावा
रिकॉर्डिंग से स्पष्ट हो रहा है कि ऐसी अफवाहों से आसपास के मोहल्लों के अलावा संभल शहर के नजदीक के गांवों से भीड़ एकत्रित होने लगी थी। जिसमें प्रमुख बात यह है कि अफवाह में मस्जिद को शहीद किए जाने का दावा किया जा रहा था।
बहरहाल, पुलिस ने 37 नामजद के साथ 3750 अज्ञात लोगों के विरुद्ध साथ अलग-अलग फिर दर्ज की और अज्ञात लोगों की तलाश के लिए पुलिस अधीक्षक ने एसओजी और सर्विलांस को लगाया है। टीम के द्वारा सीसीटीवी फुटेज में उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है, उनके सामने की तस्वीर को पोस्टर के रूप में बनाते हुए उच्चाधिकारियों को साझा किया जा रहा है।
साथ ही जो लोग हिरासत में लिए गए, उनसे पूछताछ के दौरान भी क्रॉस प्रश्न किए जा रहे हैं। गोपनीय टीम भी ऐसे लोगों की नाम और पहचान का प्रयास कर रही है।
बुधवार को ऐसे उपद्रवियों के पोस्टर पुलिस ने जारी किए जिनकी संख्या तकरीबन 65 बताई गई। दूसरे दिन गुरुवार को भी तकरीबन 150 लोगों के पोस्टर पुलिस के द्वारा तैयार किए गए, जिनकी पहचान करने के लिए उन्हें सार्वजनिक किया जा रहा है।