नई दिल्ली: भारतीय पेटेंट कार्यालय ने अमेरिकी दिग्गज कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) को टीबी की दवा का पेटेंट आगे बढ़ाने के अपील को खारिज कर दिया है। अभी टीबी की दवा बेडक्वीलाइन पर जॉनसन एंड जॉनसन का पेटेंट है। ऐसे में इस दवा को कोई और कंपनी नहीं बना सकती है। यह पेटेंट जुलाई माह में खत्म हो रहा है। कंपनी ने इसके विस्तार के लिए आवेदन किया था। इसे खारिज कर दिया गया है। इसके बाद टीबी की दवा बेडक्वीलाइन को बाकी कंपनियां भी बना सकेंगे। इससे टीबी की दवा की पहुंच आम लोगों तक बढ़ेगी और दवा के दाम भी कम हो जाएंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे ल्यूपिन और मैकलियोड्स सहित घरेलू कंपनियों द्वारा सस्ती दवाओं का रास्ता खुल जाएगा। कोरोना संक्रमण ने बाकी बीमारियों के साथ-साथ टीबी (Tuberculosis) के इलाज को भी प्रभावित किया है। हालांकि, पीएम ने 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का ऐलान किया है, लेकिन सरकार के सामने यह लक्ष्य प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती साबित होगी।
हर साल 1 करोड़ नए टीबी के मरीज
आज यानी 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे (World TB Day 2023) है। देश में टीबी के मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। लाला राम स्वरूप टीबी हॉस्पिटल के एक्सपर्ट डॉक्टर रविंद्र दीवान के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल एक करोड़ टीबी के नए मरीज आते हैं, जिसमें से 25% भारत से हैं। 1994 से 2015 तक देश में टीबी के मामलों में 42% तक की कमी आई है। साल 2020 में कोरोना की वजह से टीबी के इलाज पर असर पड़ा, लेकिन 2022 में इसमें 11% की कमी दर्ज हुई है।
टीबी के जांच-इलाज में हुए कई बदलाव
– पहले बलगम की जांच माइक्रोस्कोप से होती थी, जिसमें दो-तीन दिन लगते थे। अब एक नई जांच मशीन CBNAT लॉन्च हुई है, जो पूरे देश में 800 से ज्यादा है। यह मशीन 2 से 3 घंटे में जांच कर देती है और जो पॉजिटिव आते हैं, उनका किस तरह का इलाज कारगर होगा, यह भी बता देती है।
– टीबी पॉजिटिव मरीजों के न्यूट्रिशन के लिए सरकार 500 रुपये महीने की मदद राशि देती है।
– निश्चय मित्र योजना के तहत समर्थ लोगों से अपील की जा रही है कि वो मरीज को अडॉप्ट करें और हर महीने एक हजार रुपये दें, ताकि वे बैलेंस डाइट ले सकें।
– नई टीपीटी शुरू की गई है, जिसके तहत जिस मरीज का स्पूटम टेस्ट पॉजिटिव आता है, उसके घर के हर इंसान की जांच की जाती है और उन्हें प्रिवेंटिव दवा दी जाती है।
टीबी की वजह
टीबी से ऐसे होगा बचाव
4 हफ्ते से ज्यादा की खांसी हो तो टीबी की जांच जरूर कराएं। फीवर, भूख में कमी और वजन कम हो रहा है तो भी टीबी की जांच कराएं। बेसिक जांच एक्सरे है, उसके बाद डॉक्टर जिन जांच की सलाह दें, वो जरूर कराएं। वहीं तंबाकू टीबी के खतरे को बढ़ाता है। तंबाकू टीबी की बीमारी को तीन गुणा ज्यादा सीवियर बनाता है। टीबी का सीधा संबंध तंबाकू व स्मोकिंग से है। जो तंबाकू का सेवन करते हैं उनमें टीबी तीन गुणा ज्यादा होता है। उनकी मौत की दर भी तीन गुणा ज्यादा होती है। ऐसे लोगों में संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है, इलाज का असर कम होता है, मरीज जल्दी ठीक नहीं होते।