लखनऊ। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त का सर्वाधिक लाभ एक बार फिर उत्तर प्रदेश के किसानों को मिला है। प्रदेश के 1.75 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में गुरुवार को 3849 करोड़ रुपये की राशि भेजी गई, लेकिन तमाम किसान इस बार योजना का लाभ पाने से वंचित रहे। पीएम किसान निधि के आंकड़ों पर निगाह डाले तो पता चलता है कि प्रदेश में 14वीं किस्त का लाभ 1.86 करोड़ से अधिक किसानों को मिला था। वहीं, गत वर्ष दो करोड़ से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे थे।
पीएम किसान निधि के लाभार्थियों की संख्या में कमी की मूल वजह ई-केवाईसी पूरा न होना और बहुत से अपात्रों द्वारा योजना का लाभ लेना बताया जा रहा है। सख्ती बढ़ी तो लाभार्थियों की संख्या घट गई। अपर कृषि निदेशक वीरेंद्र सिसोदिया ने बताया कि पीएम किसान निधि की 15वीं किस्त का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिल सकता है जो भूमि अंकन, बैंक खाते की आधार सीडिंग और ई-केवाईसी के मानक पर खरे उतरते हैं।
ई-केवाईसी पूर्ण कराने के लिए पूरे प्रदेश में व्यापक अभियान चलाया गया, जिससे पात्र किसानों की संख्या 1.45 करोड़ से बढ़कर 1.75 करोड़ पहुंची। इनकम टैक्स इत्यादि के दायरे में आने वालों को इस योजना का लाभ मिल ही नहीं सकता। वहीं, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक आशुतोष मिश्र ने बताया कि ई-केवाईसी की प्रक्रिया जारी है और 15 से 30 नवंबर तक विशेष अभियान चलाकर एक बार फिर वास्तविक किसानों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होने के साथ-साथ भारत सरकार को वास्तविक किसानों का ब्योरा भेजा जाता रहेगा और एक निश्चित अंतराल पर केंद्र सरकार इस मद में कृषकों को राशि जारी करेगी। उन्होंने स्वीकारा कि सिर्फ वास्तविक किसानों को ही योजना का लाभ देने के लिए ई-केवाईसी समेत तमाम तरह की फिल्टर लगाए गए थे, इससे फर्जी लाभ लेने वालों की संख्या में कमी आई है।
बता दें कि प्रदेश में 2.26 करोड़ किसानों के भूलेख अंकन, 2.04 करोड़ किसानों के बैंक खाते ही आधार की सीडिंग और 1.77 किसानों का ई-केवाईसी पूर्ण कर लिया गया है।