तमिलनाडु में भारी बारिश के कारण तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, तेनकासी, थूथुकुडी और कन्याकुमारी जिलों सहित कई जिलों में बाढ़ आ गई. तूतीकोरिन जिले में एक व्यक्ति की मौत की भी खबर है. राज्य सरकार ने वायु सेना से राहत कार्यों में मदद का अनुरोध किया है.
भारी बारिश की वजह से तमिलनाडु के दक्षिणी जिले थूथुकुडी का एक हाईवे पूरी तरह से पानी में डूब गया. उधर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य में अभी और भारी से अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. थूथुकुडी बाईपास सड़क घुटनों तक पानी में डूबी हुई है और कई ट्रक हाईवे पर फंसे हुए हैं.
हाईवे जलमग्न
मालूम हो राज्य में अत्यधिक भारी बारिश से हाईवे के आसपास के घरों में भी पानी भर गया है. सड़क की ढ़लानों से पानी तेज गति से बहता हुआ घरों में भर रहा है. थूथुकुडी के पास एक शहर कयालपट्टिनम में पिछले 24 घंटों में 95 सेमी बारिश दर्ज की गई, जो इस छोटे शहर में होने वाली वार्षिक बारिश से अधिक है.
मुख्यमंत्री ने की आपात बैठक
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को राहत और बचाव कार्यों के लिए मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों को तैनात किया. उन्होंने प्रत्येक प्रभावित जिले की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ नौकरशाह को नियुक्त किया. स्टालिन ने जिला कलेक्टरों को संवेदनशील इलाकों में राहत केंद्र और नावें तैयार रखने और जरूरत पड़ने पर लोगों को जल्दी निकालने का भी निर्देश दिया.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तौनात
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 50-50 सदस्यों वाली दो टीमें तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन जिलों में पहुंच गई हैं, जबकि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की तीन टीमों को कन्याकुमारी जिले में तैनात किया गया है. थूथुकुडी और आसपास के शहरों श्रीवैकुंडम और कयालपट्टिनम जैसे क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त नावें मौके पर तैनात की गईं हैं.
भेजा गया सएमएस अलर्ट
मिली जानकारी के अनुसार, कम से कम 7 हजार 5 सौ लोगों को सुरक्षित निकाला गया और उन्हें 84 राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है. कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल के जरिए 62 लाख लोगों को एसएमएस अलर्ट भेजे गए हैं.
रेल सेवा बाधित
भारी बारिश की वजह से दक्षिणी रेलवे ने तिरुनेलवेली-तिरुचेंदुर खंड में, श्रीवैकुंटम और सेदुंगनल्लूर के बीच रेल की ट्रैक पर ‘गिट्टी’ बहकर आने के कारण ट्रेन सेवा निलंबित कर दिया गया है. वहीं कई जगहों पर पटरियों से गिट्टी के बह जाने के कारण ट्रैक ‘लटक रहे हैं’ और रेलवे ट्रैक के ऊपर से पानी बह रहा है.