इंदौर: बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 9 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सीरीज दमदार वापसी की है। स्टीव स्मिथ की कप्तानी में खेले गए इंदौर टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम पूरी तरह से दबाव में नजर आई। इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था लेकिन उनका यह उल्टा पड़ गया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया अपनी पहली पारी में सिर्फ 109 रन पर ढेर हो गई।इसके बाद स्मिथ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में जैसे तैसे 197 रन का स्कोर खड़ा 88 रनों की बढ़त ली जो कि भारतीय टीम पर भारी पड़ा। बल्लेबाजी की दूसरी पारी में भारतीय टीम का हाल बेहाल ही रहा और 163 रन फिर ऑलआउट हो गई। ऐसे में तीसरे ऑस्ट्रेलिया को 76 रनों का लक्ष्य मिला था जिसे उसने पहले सेशन के खेल में ही एक विकेट खोकर हासिल कर लिया। टीम इंडिया के खिलाफ इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया की टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में पहुंच गई।
ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिरी वह कौन सी वजह थी जिसके कारण रोहित की सेना स्टीव स्मिथ की चाल के आगे तीसरे टेस्ट मैच में घुटने टेकने के लिए मजबूर हो गई।
रोहित की चाल को स्मिथ ने बनाया हथियार
कप्तान रोहित शर्मा ने इंदौर टेस्ट में जिस उम्मीद के साथ टॉस जीतने के बाद पहली बल्लेबाजी चुनी उस स्टीव स्मिथ पूरी तरह पानी फेर दिया। मुकाबले से पहले बताया जा रहा था पिच तीसरे दिन के बाद स्पिन गेंदबाजों के लिए बहुत अधिक मददगार रहेगी। ऐसे में रोहित चाहते थे कि ऑस्ट्रेलिया चौथी पारी में बल्लेबाजी के लिए आए। हालांकि पिच का मिजाज पहले दिन के पहले ही घंटे से बदल गया। पिच में असमान्य उछाल और टर्न के कारण बल्लेबाज का दिमाग चकराने लगा।
इसमें कुछ गलती भारतीय टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों की भी और स्मिथ इस चीज को भांप गए थे। दरअसल रोहित शुरुआत से अटैकिंग बैटिंग के मूड में दिखे। ऐसे में स्पिनरों ने उन्हें गलती करने के लिए मजबूर किया और सस्ते में पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद विकेट गिरने का जो सिलसिला शुरू वह फिर रुकने का नाम नहीं लिया। वहीं स्मिथ इस बात को अच्छे से जानते हैं थे कि भारत के पास उनसे अच्छे स्पिनर हैं। ऐसे में उन्होंने मेजबान टीम की गलतियों से सबक लेकर अपनी पहली पारी में जरूरी बढ़त लेने के इरादे से मैदान पर उतरे जिसमें वे सफल भी रहे।
नियमों का निकाला लूपहोल
इंदौर टेस्ट मैच में स्टीव स्मिथ अपनी कप्तानी को लेकर खूब चर्चा में हैं। मैदान पर उन्होंने क्रिकेट के नियमों का जिस तरह से इस्तेमाल किया वह काफी रोचक है। खास तौर से डीआरएस को बिना गंवाए थर्ड अंपायर के फैसले का लाभ कैसे लें इसके कारण भी स्मिथ की तारीफ हो रही है।
स्टीव स्मिथ भारत के इस दौरे पर पहली बार टीम की कमान संभाल रहे हैं। उन्होंने पैट कमिंस की जगह ली। कमिंस को कप्तानी उतना अनुभव नहीं है जितना की स्मिथ के पास। इसके अलावा स्मिथ को भारतीय पिचों और यहां के कंडीशन के बारे में अच्छे से जानकारी है। यही कारण है कि टॉस हारने के बाद जब वह गेंदबाजी के लिए मैदान पर उतरे थो उन्होंने लगातार अपने स्पिनरों पर भरोसा जताया। पहली पारी में मैट कुह्नमैन ने जहां अपना पंजा खोला तो दूसरी पारी में नाथन लायन ने कहर बनकर बरपे।
नाथन लायन ने पहली पारी में तीन विकेट लिया जबकि दूसरी पारी में को उन्होंने 8 विकेट झटक लिए। इस तरह लायन ने अकेले मैच में 11 भारतीय बल्लेबाज का शिकार किया। मिचेल स्टार्क जैसे बेहतरीन तेज गेंदबाज के होने के बावजूद यह दर्शाता है कि भारतीय कंडीशन को स्मिथ की कितनी समझ थी और उन्होंने इसका किस तरह लाभ उठाते हुए स्पिनरों का इस्तेमाल किया जबकि उनके पास सिर्फ लायन ही एकमात्र अनुभवी स्पिनर था। बांकी कुह्नमैन और टॉड मर्फी पहली बार भारत दौरे पर आए हैं।