आरा। पर्व-त्योहार पर कभी चीन के बने उत्पाद बाजार में छाए रहते थे। भारत के प्रति चीन के दुर्भावनापूर्ण रवैये के कारण आम लोग चीनी उत्पादों से दूरी बना रहे हैं और जहां विकल्प मिल रहा है, वहां देशी प्रोडक्ट अपना रहे हैं। दीपावली पर भी यह ट्रेंड दिख रहा है। इस बार भी सजावटी सामग्रियों में चीन का माल बहुत कम है।
पहली बार लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा देशी उत्पाद भी बाजार में है। पर्व बाजार में एक तरह से मेक इन इंडिया ने ‘ड्रैगन’ का सफाया कर दिया है। अपनी क्वालिटी और वैरायटी के कारण मेक इन इंडिया का माल चाइनीज पर भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि बाजार में ग्राहक हल्की क्वालिटी की चाइनीज लाइट, झालरों और झूमर की जगह देसी लाइटों की ज्यादा डिमांड है, जो खासकर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से आए हैं।
‘भारत में बनी लाइटों की क्वालिटी अच्छी है’
लाइटें आरा शहर के धर्मन चौक, जेल रोड, बिचली रोड, आदि जगह उपलब्ध हैं। देशी उत्पादों में 10 मीटर से लेकर 50 मीटर तक का रंगीन लतर आया हुए हैं। बिजली रोड के दुकानदार विनोद कुमार कहते हैं कि भारत में बने एलइडी वाले झालर की गुणवत्ता अच्छी है। पचास मीटर के झालर की कीमत 650 रुपया है। उनका कहना है कि बाजार में देशी माल ज्यादा है।
इस दाम बिक रही लाइटें
दुकानदार विमलेश जैन ने बताया कि लोग भी खरीदने से पहले डब्बे पर मेकिंग को देख रहे हैं। आकर्षक डिजाइनों में लाइटिंग झूमर अनेक तरह के बाजार में उपलब्ध हैं। देसी लाइट के रेट देसी झालर 60 से 300 रुपये तक। पट्टे वाली झालर 350 से 550 रुपये तक। पिक्सल झालर 250 से 800 रुपये तक। स्माल झूमर 50 से 200 रुपये तक। फ्रूट लाइट 150 से 500 रुपये तक।
उन्होंने बताया कि गोल्डन क्रिस्टल 220 से 550 रुपये तक बिक रही है। वहीं, ओम व स्वास्तिक 150 से 420 रुपये तक। पानी वाले दीये 280 तक रुपये बिक रहे हैं।
खूब बिक रहे पानी से जलने वाले दीये
हर साल बाजार में कुछ नए सजावटी प्रोडक्ट आते हैं, इस बार पानी से जलने वाले दीए की धूम मची है। दीए में पानी डालते ही वह जलने लगता है। दीए में एक एलईडी बल्ब लगा है और नीचे बैट्री है, पानी अर्थिंग का काम करना है और दीया जलने लगता है। दुकानदार ने बताया कि 30 से 40 रुपये में एक दीया बिक रहा था, लेकिन यह आउट ऑफ मार्केट हो गया।