वॉशिंगटन: अंतरिक्ष में घूमने वाले ऐस्टरॉइड्स को पृथ्वी के लिए खतरे के रूप में देखा जाता है। जब किसी ऐस्टरॉइड के साथ सिटी किलर का तमगा जोड़ दिया जाए तो वह और खतरनाक लगने लगता है। लेकिन, इससे डरने की जरूरत नहीं है। 2023 DZ2 नाम का यह ऐस्टरॉइड शनिवार शाम को हमारी पृथ्वी के काफी नजदीक आ रहा है। ऐसे में अगर यह पृथ्वी पर किसी आबादी वाले क्षेत्र से टकराता है तो व्यापक स्तर पर क्षति पहुंच सकती है। हालांकि, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया है कि यह ऐस्टेरॉइड पृथ्वी और चंद्रमा की कक्षाओं के बीच एक सुरक्षित अंतर से गुजर जाएगा।
पृथ्वी के कितनी दूरी से गुजरेगा यह ऐस्टेरॉइड
शनिवार शाम को ऐस्टेरॉइड 2023 DZ2 पृथ्वी से 170000 किलोमीटर की दूरी से उड़ान भरेगा। तुलनात्मक रूप से देखें तो चंद्रमा की दूरी पृथ्वी से 384,400 किलोमीटर है। पृथ्वी के नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स में कई ऐस्टेरॉइड और धूमकेतु शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार, ऐसी वस्तुओं को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स कहा जाता है, जिनके परिक्रमा पथ में किसी बिन्दु पर सूरज उनकी दूरी १.३ खगोलीय ईकाई या उसके कम की होती है। 2015 तक अंतरिक्ष में ऐसे 1000 ऑब्जेक्ट्स की खोज की जा चुकी है।
इस खतरनाक ऐस्टेरॉइड का आकार कैसा है
सिटी किलर के नाम से जाना जाने वाले इस ऐस्टरॉइड का आकार 40 से 100 मीटर के आसपास है। आकार में तो यह काफी छोटा है, लेकिन इसका रास्ता इसे खतरनाक बना रहा है। प्लेनेटरी डिफेंस ऑफिस के ईएसए प्रमुख रिचर्ड मोइसल ने बताया कि इस ऐस्टेरॉइड के बारे में असामान्य बात यह है कि इस आकार की वस्तु का पृथ्वी के इतने करीब से गुजरना काफी दुर्लभ होता है। लेकिन यह एक दशक में एक बाद किसी बड़े आकार के ऐस्टरॉइड की नजदीकी से जांच करने का एक अच्छा अवसर है। रिचर्ड मोइसल ने कहा कि इस ऐस्टरॉइड को दूरबीन की सहायता से अच्छे से देखा जा सकता है।
क्यों दिया गया ‘सिटी किलर’ का लेबल
1908 में रूस के साइबेरिया में स्थित तुंगुस्का में एक ऐस्टरॉइड जमीन से टकराया थआ। इसने 2000 वर्ग किलोमीटर के जंगल को चपटा कर दिया था। इसके अलावा 50000 साल पहले कोलोराडो पठार पर फ्लैगस्टाफ और विंसलो के बीच एक ऐस्टरॉइड आज के एरिजोना में टकाराया था, जिससे 0.75 मील (1.2 किलोमीटर) चौड़ा और लगभग 600 फीट (180 मीटर) गहरा गड्ढा बन गया था। जब अंतरिक्ष की चट्टानें पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करती हैं और भूमि से टकराती हैं तो उनका व्यापक असर देखने को मिलता है।