नई दिल्ली: पब्लिक प्रविडेंट फंड यानी पीपीएफ (PPF) एक छोटी बचत योजना (small savings scheme) है। सरकार के सपोर्ट वाली इस स्कीम में गारंटीड रिटर्न के साथ-साथ टैक्स में भी बेनिफिट मिलता है। यही वजह है कि पिछले कुछ दशकों से पीपीएफ लाखों इनवेस्टर्स के लिए निवेश का पसंदीदा साधन बना हुआ है। अगर आप पीपीएफ में इनवेस्ट करते हैं तो आज का दिन आपके लिए खास है। अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में पीपीएफ पर ज्यादा से ज्यादा ब्याज पाना चाहते हैं तो आपके पास आज आखिरी मौका है। इसके लिए आपको पीपीएफ अकाउंट में अपना कंट्रीब्यूशन आज ही जमा कराना होगा। अगर आप पांच अप्रैल के बाद अपने पीपीएफ में पैसा जमा कराते हैं तो आपको पीपीएफ बैलेंस पर कम ब्याज मिलेगा। पीपीएफ के नियमों के मुताबिक ब्याज की कैल्कुलेशन हर महीने के पांचवें दिन और महीने के अंत में पीपीएफ खाते में सबसे कम बैलेंस के आधार पर होती है।
अगर आप पीपीएफ में निवेश करना चाहते हैं तो हर महीने का पांच तारीख काफी अहम है। आपको पीपीएफ अकाउंट में एक से पांच तारीख तक हर हाल में पैसे डाल देना चाहिए। दरअसल, पीपीएफ में ब्याज का आकलन हर महीने की पांच तारीख तक अकाउंट के मिनिमम बैलेंस पर किया जाता है। अगर आप हर महीने की पांच तारीख तक पैसे डाल देते हैं तो आपका मिनिमम बैलेंस बढ़ जाता है और आपको ज्यादा ब्याज मिलता है। PPF को ट्रिपल टैक्स बेनिफिट (triple tax benefit) वाली स्कीम कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि साल भर में अगर आप 1.5 लाख रुपये तक का निवेश करते हैं, तो उस पर मिलने वाले इंटरेस्ट और मैच्योरिटी पर मिलने वाले पूरे पैसों पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
कितना होगा फायदा
पीपीएफ एक पोस्ट ऑफिस स्कीम है। पोस्ट ऑफिस स्कीमों की ब्याज दर की समीक्षा हर तिमाही में की जाती है। अप्रैल-जून तिमाही के लिए नई दरों का ऐलान 31 मार्च को किया गया था। इसमें अधिकतर योजनाओं की ब्याज दर बढ़ाई गई है। लेकिन पीपीएफ की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें 7.1 फीसदी ही रखा गया है। अगर कोई इनवेस्टर एक से पांच अप्रैल के बीच 1.5 लाख रुपये एकमुश्त पीपीएफ अकाउंट में जमा करता है तो उसे 10,650 रुपये का अधिकतम ब्याज मिलेगा। अगर पांच अप्रैल के बाद वह ऐसा करता है तो उसे 11 महीने का ही इंटरेस्ट मिलेगा जो 9,762.50 रुपये होगा।
15 साल में कितना मिलेगा
पीपीएफ स्कीम एक लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट स्कीम है और कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के प्रिंसिपल पर आधारित है। इसका लॉक इन पीरियड 15 साल का है। अगर कोई इनवेस्टर हर साल एक से पांच अप्रैल के बीच अधिकतम इनवेस्टमेंट करता है तो उसे 15 साल बाद 40,68,209 रुपये मैच्योरिटी अमाउंट मिल सकती है। 15 साल में उसकी कुल जमा राशि 22,50,000 रुपये और उस पर ब्याज 18,18,209 रुपये होगा। अकाउंट ऐक्टिव रखने के लिए आपको सालाना कम-से-कम 500 रुपये अकाउंट में डालने होंगे जबकि एक वित्त वर्ष (अप्रैल से मार्च) में ज्यादा-से-ज्यादा 1.5 लाख रुपये ही डाल सकते हैं। अगर आपने 1.5 लाख रुपये की वार्षिक सीमा से ज्यादा की रकम पीपीएफ अकाउंट में डाली तो अतिरिक्त रकम पर ब्याज नहीं मिलेगा और नहीं इस पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट ही ले पाएंगे।
यह केंद्र सरकार की लंबी अवधि की निवेश योजना है जिसका प्रावधान पीपीएफ ऐक्ट, 1968 में किया गया है। पीपीएफ 15 साल की मैच्योरिटी वाली स्कीम है जिसे 5-5 साल के लिए जितनी मर्जी उतनी अवधि तक बढ़ाते रह सकते हैं। पीपीएफ अकाउंट में एक वर्ष में ज्यादा-से-ज्यादा 12 बार ही पैसे डाले जा सकते हैं। कई निवेशक बार-बार पैसे डालने की जगह एकमुश्त रकम ही निवेश कर देते हैं। अगर किसी निवेशक ने अप्रैल 2008 में पीपीएफ अकाउंट खोला होगा तो यह अप्रैल 2023 में मैच्योर होगा।