तस्वीरों में दिखी मछली के अवशेष जैसी बनावट
इन तस्वीरों को देखने वाले कुछ लोगों का मानना है कि यह एक मछली का अवशेष है। जबकि, कई अन्य का मानना है कि यह एक देवदार के पेड़ की शाखा जैसा दिखता है। हालांकि, एक बात सुनिश्चित है, जो सभी लोग मान रहे हैं कि ये तस्वीरें अविश्वसनीय हैं। गेल क्रेटर के कुछ पत्थरों में हड्डी जैसी संरचना भी पाई गई है। गेल क्रेटर की खोज से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि मंगल ग्रह पर कभी पानी के बड़े-बड़े तालाब थे। यह भी संभावना है कि इसकी सतह के नीचे आज भी कुछ पानी छिपा हो सकता है। गेल क्रेटर मंगल ग्रह पर मौजूद सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसकी उत्पत्ति 3.5 से लेकर 3.8 अरब साल पहले की बताई जा रही है। गेल क्रेटर जो कभी झील हुआ करती थी, वो अब 154 किलोमीटर चौड़ा एक गड्ढा है।
क्यूरियोसिटी रोवर का मिशन क्या है
पहले भी मंगल की अजीबोगरीब तस्वीरें भेज चुका है रोवर
यह पहली बार नहीं है जब क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल की सतह से अजीबोगरीब तस्वीर को पृथ्वी पर भेजा है। पिछले साल जून में रोवर ने मंगल की सतह से बाहर निकलने वाली कई विचित्र घुमावदार संरचनाओं की खोज की थी। इन्हें अब प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले स्तंभ माना जाता है जिन्हें हूडू कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ये स्तंम्भ करोड़ों साल से मंगल की सतह पर मौजूद हैं। ये नरम चट्टानों से मिलक बनी हैं, जो समय के साथ खंबे की तरह दिखने लगी हैं। रोवर ने फरवरी 2022 में गेल क्रेटर में एक कोरल-जैसे ‘फूल’ का एक स्नैपशॉट प्राप्त किया, लेकिन वास्तव में यह जमा हुआ खनिज था।