तूफानी रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन
इस हाई स्पीड डेडिकेटेड रेलवे ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी। इसमें गुढ़ा में एक हाई-स्पीड 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा। नवा में 3 किलोमीटर का एक क्विक टेस्टिंग लूप और मिथ्री में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के सीपीआरओ के मुताबिक, हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक का पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। कैप्टन शशि किरण ने टीओआई को बताया, "प्रोजेक्ट अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है और हम दिसंबर 2024 तक दूसरे चरण को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।"
तेजी से डेवलप किया जा रहा ट्रैक
भारतीय रेलवे के मुताबिक, हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक की मदद से ट्रेनों की टेस्टिंग की सुविधा मिलेगी। इससे रॉलिंग स्टॉक कंपोनेंट और वाहनों के स्टैटिक असेस्मेंट का फायदा मिलेगा। रेलवे के मुताबिक, रेल-व्हील इंटरेक्शन फॉर्सेज, क्रैश टेस्टिंग, स्टेबिलिटी टेस्टिंग, ट्विस्ट एंड यॉ टेस्टिंग, व्हील ऑफलॉडिंग टेस्ट और कंपोनेंट की तेज टेस्टिंग को प्रोजेक्ट में डेवलप किया जा रहा है। इस ट्रैक में 220 किलोमीटर प्रति घंटे के ओवरहेड इक्विपमेंट और सभी तरह के सिग्नलिंग सिस्टम दिए जा रहे हैं। रेलवे के मुताबिक, 4.5 किलोमीटर के ट्रैक को पूरा करके कमीशन कर दिया गया है। रेलवे के मुताबिक, 31.5 किलोमीटर का काम और तीन किलोमीटर का एक्सलरेटेड टेस्टिंग लूप पर काम तेजी से जारी है और इसे दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा।