आप सभी को जान कर खुशी मिलेगी की इस दुनिया में ऐसे भी आला अधिकारी अभी भी उपलब्ध हैं जो जनता की सुरक्षा से अधिक किसी व्यवसायिक कंपनी के हित में तत्पर रहता है। परिवहन विभाग की झूलझूली वाहन जांच शाखा जो खुलने के पहले दिन से ही सुर्खियों में रही हैं और जिस कंपनी का अनुबन्ध खत्म हुए जमाना हो चुका है उसके बावजूद परिवहन आयुक्त की कृपा से खत्म अनुबंध का बार बार और समय के लिए अनुबंध विस्तार प्राप्त कर लेता है।
परिवहन आयुक्त की कृपा दृष्टि से फिर एक बार झूलझूली वाहन जांच शाखा में विस्तारित अनुबंध के आधार पर कार्य करने वाली कंपनी को 2 महीने का अनुबंध विस्तार का पत्र आज जारी कर दिया गया है जो 28 फरवरी तक मान्य रहेगा
आपकी जानकारी हेतु बता दें इस कंपनी के द्वारा लगाई गई मशीनों के द्वारा अधिकतम 250 वाहनों की जांच करने की क्षमता है पर परिवहन आयुक्त की कृपा से इसके लिए वाहन मालिकों को परेशानी में डाल कर प्रतिदिन 1000 वाहनों की क्षमता उपलब्ध करवा रखी है जिससे इस कंपनी को जितना मुनाफा हो सके वह परिवहन विभाग की बदौलत प्राप्त कर ले
आपकी जानकारी हेतु बता दें जिस स्थान पर यह वाहन जांच शाखा स्थित और कार्यरत है वहां पर किसी की भी जान माल की सुरक्षा नहीं है। इसी कारण परिवहन विभाग के तीन अधिकारी वीआरएस तक दे चुके है और एक कर्मचारी तो कई महीनों तक हॉस्पिटल और बिस्तर पर रह चुका है। ना जाने कितने ही वाहन यहां से लापता हो चुके है और जो बरामद भी नहीं हुए। कितनी बार यहां खूनी झगडों की खबरें उपलब्ध है और सच्चाई तो यह है की इस क्षेत्र के पुलिस अधिकारी भी चाहा कर या ना चाहते हुए इन बदमाशों पर शिकंजा कसने को तैयार नहीं। दिन दहाड़े हाथों में रिवाल्वर लेकर खुले आम धमकी देते हुए कई असामाजिक तत्व वाहन जांच क्षेत्र सीमा के अंदर बाहर देखे जा सकते है पर इन्हें ना तो पुलिस देखती है और ना ही परिवहन आयुक्त।
दिल्ली में पिछले दो महीनों से व्यवसायिक वाहन मालिक सिर्फ परिवहन आयुक्त की इस कंपनी के प्रति कृपा दृष्टि के कारण कर्जों में डूब रहे है और साथ ही अपने परिवार के भरण पोषण के लिए परेशान हो रहे हैं और बिना गलती के परिवहन विभाग को जुर्माने के नाम से पैसा भर रहे है।
इतना सब सबूतों के साथ देखते हुए भी परिवहन आयुक्त ने एक बार फिर झूलझूली वाहन जांच शाखा में कार्यरत कंपनी के अनुबंध की कार्य सीमा को दे दिया दो महीने के लिए अनुबंध विस्तार का पत्र
धन्य हैं दिल्ली की जनता के सुरक्षा हेतु उपलब्ध सरकार, मुख्य सचिव और उपराज्यपाल जिनके कारण इस तरह का आला अधिकारी है विराजमान।