नई दिल्ली: संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। कंपनी ने 12 मई तक अपनी सभी फ्लाइट्स कैंसल कर दी हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि ऑपरेशनल कारणों से उसे 12 मई तक अपनी सारी फ्लाइट्स कैंसल करनी पड़ी है। कंपनी ने इस असुविधा के लिए यात्रियों से माफी भी मांगी है। उसका कहना है कि टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को जल्द ही पूरा रुपया वापस किया जाएगा। वाडिया ग्रुप की इस कंपनी ने अपनी उड़ानें तीन मई से तीन दिन के लिए रद्द की थीं। बाद में इस समय को बढ़ाकर नौ मई कर दिया गया और अब 12 मई तक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ने 15 मई तक टिकट बिक्री पर रोक लगा दी है। डीजीसीए ने विमानन कंपनी को नियमानुसार यात्रियों का पैसा लौटाने का भी निर्देश दिया है।इस बीच गो फर्स्ट के खिलाफ दो दिवाला समाधान याचिकाओं पर एनसीएलटी आठ मई को सुनवाई करेगा। गो फर्स्ट ने वॉलंटरी इनसॉलवेंसी प्रॉसीडिंग के साथ-साथ वित्तीय दायित्वों पर अंतरिम रोक लगाने का आग्रह किया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई करने के बाद एनसीएलटी ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अधिवक्ताओं के अनुसार, एनसीएलटी गो फर्स्ट के खिलाफ दायर दो दिवाला याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। एक याचिका विमानन कंपनी के लिए परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाली एसएस एसोसिएट्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने दायर की है जिसमें लगभग तीन करोड़ रुपये का दावा किया गया है। दूसरी याचिका एक पायलट ने दायर की है। उसने अपनी सेवाओं के एवज में एक करोड़ रुपये से अधिक का बकाया होने का दावा किया है।
स्पाइसजेट के खिलाफ सुनवाई
इस बीच देश की एक और एयरलाइन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया की सुनवाई होने वाली है। स्पाइसजेट के एक कर्जदाता की तरफ से दायर की गई दिवाला अर्जी पर एनसीएलटी अगले सप्ताह सुनवाई करने वाला है। स्पाइसजेट को कर्ज देने वाली कंपनी एयरक्राफ्ट लेसर एयरकॉसल (आयरलैंड) लिमिटेड ने दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनसीएलटी के समक्ष अर्जी लगाई है। यह आवेदन 28 अप्रैल को दाखिल किया गया था। एनसीएलटी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक प्रमुख पीठ आठ मई को इस अर्जी पर सुनवाई करेगी। स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस घटनाक्रम का एयरलाइन के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित दो अन्य याचिकाएं लंबित हैं।