बॉलीवुड एक्टर तुषार कपूर ने कोविड के समय बतौर प्रोड्यूसर अपनी इनिंग की शुरुआत की थी। उन्होंने पहले अक्षय कुमार को मेन लीड में रखकर ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ प्रोड्यूस की थी। इसके बाद अब वो खुद बतौर इंस्पेक्टर ‘मारीच’ लेकर आए हैं। इसमें वो एक सीरियल किलर की तलाश कर रहे हैं, जो इंस्पेक्टर के रोल में हैं। हाल ही में तुषार ने इस बारे में दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:-
यहां ‘खाकी’ के सालों बाद पहली बार बतौर कॉप नजर आएंगे?
जी हां, 19 सालों बाद मैं फिर से एक कॉप का रोल निभा रहा हूं। उसमें मैं अलग तरह का कॉप था, जिसका नाम अश्विन गुप्ते था। अश्विन एक ऐसा पुलिस ऑफिसर था, जिसने पुलिस फोर्स को जॉइन ही किया है। उसमें मैं एकदम ड्राई ऑनेस्ट सा था। किताबी नियमों को फॉलो करने वाला। ऑन ड्युटी हंसी मजाक भी उसे पसंद नहीं था। यहां मारीच में मैं एक सीनियर ऑफिसर राजीव दीक्षित के रोल में हूं।
थ्रिलर फिल्में बाकी फिल्मों के मुकाबले कैसे फिल्माई जाती हैं?
अमूमन इस जॉनर की फिल्में एक स्ट्रेच में स्टार्ट टु फिनिश फिल्माई जाती हैं। इसके ज्यादातर सीन रात में शूट किए जाते हैं। ये मेरी पहली थ्रिलर फिल्म है। इससे पहले मैंने ‘कुछ तो है’ में काम किया था, मगर वो हॉरर जॉनर के स्पेस में थी। वो कैंपस हॉरर था। ‘मारीच’ तो डार्क मर्डर मिस्ट्री है। इसमें मैं प्रोड्यूसर भी हूं तो इस फिल्म पर मेरी दो भूमिकाएं चल रही थीं। इसमें नसीर साहब भी हैं। उनके साथ मेरे बड़े इंटेंस सीन थे। हालांकि कुछ एक्शन सीन्स हमने बरसात में फिल्माने थे।
नसीर साहब को लेकर धारणा है कि वो रिजर्व रहते हैं। सामने वाले से इंटेलिजेंस चाहते हैं?
ऐसा नहीं है। को-स्टार्स के साथ वो अपने एक्सपीरियंस और नॉलेज का बैगेज लेकर तो नहीं चलते। बेशक वो टिपिकल फिल्मी इंसानों की तरह बिहेव नहीं करते हैं। सेट पर हम कोविड की बातें करते थे। खुशकिस्मत हूं, जो यहां नसीर साहब और ’खाकी’ में बच्चन साहब के साथ काम कर सका। मैं ‘मारीच’ के रोल के लिए कई असल पुलिस अफसरों से भी मिला। बाकी हमने हर कलाकार के साथ वर्कशॉप भी किया।
निर्माता के नाते कभी आपने पिता जितेंद्र की फिल्मों की रीमेक करेंगे?
पहले जरूर बहुत सोचा करता था कि उनकी फिल्म ‘कारवां’ की रीमेक करूंगा। पर बाद में समझ में आया कि वो सब चाहे कितना भी अच्छा करूंगा, वो लोगों को थोड़ा कम ही लगेगा, क्योंकि उन फिल्मों को उन्होंने अलग ही स्टाइल में किया है। वो सब बड़ी हीरो सेंट्रिक फिल्में हुआ करती थीं। तो मैं उनकी वैसी सफल फिल्मों की रीमेक करना चाहूंगा, जो हिट रही हैं, मगर कारवां और फर्ज जितनी पॉपुलर नहीं।
गोलमाल की अगली सीरीज कब आएगी?
ये तो रोहित शेट्टी ही बता सकेंगे। ये उनकी फ्रेंचाइजी है। बेशक वो बनेगी तो जरूर। रोहित ऐसे मेकर हैं, जिन्हें पब्लिक की पल्स पता होती है। मुझे उसमें सारे किरदार बहुत पसंद हैं। पर अगर मौका मिलता है तो जो संजय मिश्रा जी का किरदार है, उसे जरूर करना चाहूंगा। वो फिल्म में फन को बहुत नॉर्मल तरीके से लाते हैं।
लक्ष्मी बॉम्ब को फ्रेंचाइजी बनाएंगे?
मैंने उस बारे में अभी सोचा नहीं है। वैसे भी आज तक OTT पर रिलीज हुई फिल्मों का पार्ट टू तो नहीं ही बना है। ऐसा ट्रेंड अभी तक नहीं शुरू हुआ है, मगर ये सैटेलाइट पर काफी चली थी, तो मुमकिन है कि लक्ष्मी बॉम्ब का अगला पार्ट बनेगा।