लखनऊ में निर्माणाधीन अपार्टमेंट में मल्टीलेवल पार्किंग बनाते समय मिट्टी धंस गई। हादसे में डेढ़ महीने की बच्ची और पिता की मौत हो गई। मिट्टी-मलबे में दबे 12 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया। इसमें कुछ की हालत गंभीर है। इन्हें ट्राॅमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। हादसा गुरुवार रात 11 बजे हुआ। सुबह 7 बजे तक रेस्क्यू चला है।
पीजीआई इलाके में सेक्टर-11 वृन्दावन योजना स्थित कालिंदी पार्क के पास अंतरिक्ष अपार्टमेंट की मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। यहां अंडरग्राउंड पार्किंग के लिए खुदाई की गई थी। बड़े-बड़े गड्ढे से निकली मिट्टी को किनारे ही रख दिया गया था। इसमें मिट्टी का बड़ा पहाड़ जैसा बन चुका था। ADCP अली अब्बास के मुताबिक, यहां देर रात बेंसमेंट की खुदाई हो रही थी। मौके पर 20 से ज्यादा मजदूर काम कर रहे थे।
इसी दौरान अचानक मिट्टी धंसने लगी। मजदूर कुछ समझ पाते इससे पहले ही बड़े हिस्से की मिट्टी धंस गई। वह मजदूरों पर गिर गई। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई।
बाकी मजदूरों और स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू शुरू किया। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस ,फायर ब्रिगेड और SDRF की टीम पहुंचीं। एक-एक करके मिट्टी से 14 लोगों को निकाला गया। सभी को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां डेढ़ महीने की बच्ची आयशा और उसके पिता मुकादम को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि अपार्टमेंट में काम करने वाले ज्यादातर मजदूर उसी परिसर में झोपड़ी बनाकर रहते हैं। निर्माण कार्य के दौरान बच्ची भी वहीं थी, ऐसे में वह भी हादसे का शिकार हो गई।
6 झोपड़ियां मिट्टी में दब गई
हादसा इतना भयावह था कि परिसर में झोपड़ी बना कर रहे रह मजदूरों की 6 झोपड़ियां मिट्टी में दब गई। इनमें कई महिलाएं और बच्चे भी मलबे में दब गए। अचानक हुए हादसे में किसी को बचने का मौका नहीं मिला। हादसे के वक्त, चार पुरुष, दो बच्चे और एक महिला झोपड़ी में थी। 5 लोग बाहर खड़े थे, वह भी मलबे में दब गए।
पुलिस के मुताबिक, हादसे में अभिजीत कुमार, चंदन कुमार, दरोगा, रुखसाना, गोलू, अफसाना, लालबाबू और 4 अन्य लोगों को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वहीं, हादसे में ठेकेदार बाबूलाल और उसका बेटा भी घायल हो गया। ठेकेदार यहां पर परिवार के साथ रहता था। वहीं यहां रहने वाले मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है।
निर्माण के दौरान नहीं थे सुरक्षा मानक
हादसा कैसे हुआ? इसका जिम्मेदार कौन है? फिलहाल, इस बारे में पुलिस ने जानकारी नहीं दी है। लेकिन, पुलिस का कहना है कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक, निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया। साथ ही, जहां निर्माण हो रहा था वहीं पर मजदूरों को रहने के लिए झोपड़ी बना दी गई। अभी तक इस मामले में किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।