इस्लामाबाद : एक वक्त था जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व आर्मी चीफ रिटायर्ड जनरल कमर जावेद बाजवा अच्छे दोस्त थे। एक तरफ जहां बाजवा ने इमरान खान को सत्ता हासिल करने में मदद की, तो वहीं इमरान ने उन्हें सेवा विस्तार देकर अपनी दोस्ती निभाई। समय के साथ ना सिर्फ यह दोस्ती कमजोर हुई बल्कि अब दुश्मनी में बदल चुकी है। इमरान खान अब बाजवा के खिलाफ आंतरिक सैन्य जांच की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बाजवा पीटीआई सरकार को गिराने की साजिश में शामिल थे। पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बेदखल हुए इमरान खान ने इससे पहले अमेरिका पर भी इसी तरह के आरोप लगाए थे। अब उनके निशाने पर पूर्व पाक आर्मी चीफ हैं।
बाजवा के खिलाफ जांच की मांग
इमरान ने इस इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहा कि अब बाजवा ने खुद स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने सत्ता परिवर्तन में हिस्सा इसलिए लिया था क्योंकि उनके मुताबिक ‘देश खतरे में था’। बाजवा की ओर से राजनीति में सेना की भागीदारी को स्वीकार करने के बारे में पूछे जाने पर इमरान ने कहा कि बाजवा के खिलाफ उन बयानों के लिए एक आंतरिक सैन्य जांच होनी चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैंने देश के लिए फैसले लिए क्योंकि परिस्थितियां वैसी थीं’, जैसे वह कोई आर्थिक विशेषज्ञ हों।
इमरान के सवाल पर बाजवा ने क्या कहा
इमरान यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि पूरा मुल्क पहले ही यह बात मानता है कि बाजवा की वजह से देश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। अब उन्होंने खुद यह बात स्वीकार कर ली है। अब साफ हो गया है कि आर्मी चीफ ने ही पीटीआई सरकार को हटाया था। पाकिस्तानी पत्रकार जावेद चौधरी ने दावा किया कि जब उन्होंने पूर्व पाक आर्मी चीफ से पूछा कि आपने इमरान खान को सत्ता से बाहर क्यों किया तो उन्होंने कहा कि हमने सरकार नहीं गिराई। हमारा अपराध सिर्फ यह था कि हमने उसे नहीं बचाया। इमरान चाहते थे कि हम आगे आएं और उनकी सत्ता को बचाएं।