बेरूत। इजरायल पर हमास के हमले के बाद गाजा में आतंकी संगठन के ठिकानों पर इजरायल की कार्रवाई जारी है। लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में फलस्तीनी नागरिकों के मारे जाने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है।
दक्षिणी लेबनान पर अलग-अलग इजरायली हमलों में आठ लोग मारे गए, जिनमें एक लेबनानी टीवी चैनल अल-मायादीन के लिए काम करने वाले दो पत्रकार शामिल हैं। युद्ध की वजह से लेबनान में मारे गए लोगों की संख्या 80 से अधिक हो गई है। इनमें से ज्यादातर हिजबुल्लाह के लड़ाके हैं। बता दें कि इजरायल और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह, हमास का सहयोगी है।
वहीं, इस हमले को लेकर हिजबुल्लाह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। हिजबुल्लाह ने लेबनान में पत्रकारों की इजराइल द्वारा हत्या के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है।
दोनों पत्रकार हरफा शहर के पास खबरों को इकट्ठा कर रहे थे
लेबनानी प्रसारक अल मयादीन ने कहा कि मंगलवार को इजरायली सीमा से लगभग एक मील दूर तिर हरफा शहर के पास युद्ध की कवरेज कर रहे थे। तभी इजरायली सैनिकों ने उनपर रॉकेट दागे।
अल मयादीन ने इजरायल पर जानबूझकर टीवी क्रू को निशाना बनाने का आरोप लगाया क्योंकि चैनल को फलस्तीन समर्थक और ईरान के क्षेत्रीय सैन्य गठबंधन के समर्थक के रूप में जाना जाता था।
इन पत्रकारों की हुई मौत
बता दें कि रॉयटर्स के विजुअल पत्रकार इस्साम अब्दुल्ला की 13 अक्टूबर को दक्षिणी लेबनान में हत्या कर दी गई थी। अल मयादीन ने अपने मारे गए पत्रकारों का नाम संवाददाता फराह उमर और कैमरा ऑपरेटर रबी अल-मेमारी बताया। मारा गया तीसरा व्यक्ति हुसैन अकील था। अल मयादीन ने रॉयटर्स को बताया कि वह चैनल के साथ काम नहीं कर रहे हैं।