गौशाला संचालकों पर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों।
ब्यूरो बांदा
नरैनी- बांदा जनपद में संचालित गौशालाओं में निरुद्ध गौवंशों की दुर्दशाओं के विषय में गौरक्षा समिति आये दिन किसी ना किसी गौशाला में फैली अव्यवस्थाओं का आइना जिला प्रशासन को दिखाने का काम कर रही हैं। गौवंशों का दुर्भाग्य शायद जिम्मेदारों के जमीर को लालच के दीमक ने चट कर दिया है तभी तो सबकुछ जानकर तमाशबीन बन मूकदर्शक बने हुये हैं। इनका सरेआम सबकुछ देखकर अनदेखी करना आखिर किस ओर इशारा करता है शायद बताने की जरूरत नहीं लेकिन इतना जरूर है की इन बेजुबानों के हक पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। बंदरबांट करने वाले शायद ईश्वर के न्याय से अंजान है जिस समय उसका न्याय होगा इन सभी का क्या अंजाम होगा सारी दुनिया देखेगी लेकिन धिक्कार है ऐसे अधिकारियों पर जिन्हें इन बेजुबानों के दर्द का जरा भी अहसास नहीं खैर छोडि़ए और आगे के हालात पुनः देखिये इसी बांदा जनपद के ब्लॉक महुआ अंतर्गत संचालित
महुटा एवं तेरा ब की गौशाला में गौवंशों की दयनीय स्थिति ने एक बार फिर से हमारे समाज की संवेदनहीनता को उजागर किया है जानकारी के अनुसार आज विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रवक्ता उमेश तिवारी ने मंगलवार को तेरा ब एवं महुटा की गौशालाओं को देखा और पाया की इस गौशाला में गोवंश के खाद्यान्न का मीनू गया भाड़ में गौवंशों को सिर्फ सूखा पुवाल(पराली) खिलाया जा रहा है, जो किसानों द्वारा फ्री में मिल रहा है। ठीक इसी प्रकार महुटा गौशाला की स्थिति तो और भी चिंताजनक है। गौशाला में गंदगी का अंबार लगा हुआ है देखकर लगता है की जैसे यहाँ पर महीनों से साफ-सफाई नहीं की गई हो। पानी की चरही में गंदगी व काई लगी हुई है जो कभी भी गौवंशों के लिए इंफेक्शन व बीमार करने का कारण बन सकती है। इसके अलावा मृत गौवंशों को खुले में फेंक दिया गया है, जिसे कुत्ते और अन्य जानवर अपना आहार बना रहे हैं।
यह घटना उत्तर प्रदेश सरकार की गौ संरक्षण नीति की विफलता को दर्शाती है जबकि प्रदेश के गौ प्रेमी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गौवंशों के संरक्षण के लिए कई निर्देश भी दिए गए हैं लेकिन ऐसा लगता है की जिम्मेदारों के लिये उनके ठेंगे से इसीलिए यह निर्देश सिर्फ कागजों पर ही सीमित हैं धरातल पर सिर्फ अकर्मण्यता और खुलेआम भ्रष्टाचार ही नजर आ रहा है कामयाबी नदारतहै।
जिला प्रवक्ता उमेश तिवारी ने यह भी बताया की इस गौशाला में दैनिक रजिस्टर और स्टॉक की जानकारी नहीं मिली। सचिव रितिक ने बताया कि रजिस्टर उनके पास है, लेकिन गौशाला में कोई रजिस्टर नहीं रखा जाता है। यह बहुत ही गंभीर मामला है जिसके चलते सरकारी धन का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है
इस पूरे मामले में प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार की बू आती है। गौवंशों के लिए आया हुआ सरकारी धन का प्रधान और सचिव मिलकर बंदरबाट कर रहे हैं। यह बहुत ही घृणित कार्य एवं दुर्भाग्यपूर्ण है की गौवंशों को उनका हिस्सा नहीं मिल रहा है।
इस मामले में प्रशासन को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए तथा ऐसे भ्रष्टाचार में संलिप्त गौशाला संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही बेजुबान गौवंशों के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। हमें उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करेगा और गौवंशों को उनका हिस्सा मिलेगा।