लखनऊ: आमतौर पर मांगलिक या शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए पंचांग ( Hindu Panchang) विचारे जाते हैं, लेकिन अब यूपी पुलिस क्राइम कंट्रोल के लिए पंचांग का सहारा लेगी। यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी विजय कुमार (DGP Vijay Kumar) ने इस संबंध में अफसरों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि जिलों में अमावस्या (Krishna Paksha Amavasya) और इसके आसपास की तारीखों में हुए अपराध की मैपिंग कर हॉट स्पॉट चिह्नित किए जाएं। हॉट स्पॉट तय होने के बाद संबंधित जगहों पर क्राइम कंट्रोल की कार्ययोजना तैयार की जाए।
डीजीपी का कहना है कि सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट में हुईं वारदात का मुख्यालय स्तर से विश्लेषण किया गया है। इसमें सामने आया है कि हिंदू पंचांग के अंधेरे पक्ष (कृष्ण पक्ष) की अमावस्या के एक हफ्ता पहले और एक हफ्ते बाद तक रात में ज्यादा क्राइम होता है। ऐसे में पंचांग के मुताबिक, हर महीने कृष्ण पक्ष की अमावस्या को चिह्नित किया जाए। अमावस्या से एक हफ्ते पहले और एक हफ्ते बाद रात में हुए अपराधों का क्राइम ऐंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क ऐंड सिस्टम (CCTNS) और यूपी 112 के जरिए मिली सूचनाओं से मिलान कर क्राइम मैपिंग करवाई जाए। मैपिंग के मुताबिक हॉट स्पॉट चिह्नित कर कार्ययोजना तैयार की जाए। डीजीपी के निर्देश में अगस्त की 16, सितंबर की 14 और अक्टूबर की 14 तारीख का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि ये अमावस्या की तारीख हैं।
बनेगी एसओपी, दी जाएगी ट्रेनिंग
क्राइम मैपिंग के मुताबिक क्षेत्र और समय चिह्नित करने की प्रक्रिया के लिए तकनीकी सेवाएं इकाई एसओपी तैयार करेगी। इस संबंध में पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। डीजीपी ने कहा है कि अमावस्या के आसपास रात में गश्त के लिए ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। अतिसंवेदनशील इलाकों को क्लस्टर में बांटकर गश्त करवाई जाए। जिनकी भी ड्यूटी रात में लगे उन्हें उस इलाके में हुईं घटनाओं, उनकी तारीख, समय और घटनाओं के तरीके की पूरी जानकारी दी जाए। 112 यूपी की पीआरवी के रूट चार्ट को भी इसी आधार पर तैयार किया जाए। पिकेट और पट्रोलिंग ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों की चेकिंग के लिए रोस्टरवार सीओ की ड्यूटी लगाई जाए। एएसपी को भी इसकी नियमित निगरानी करनी होगी।