कूटरचित दस्तावेज के जरिए मध्य प्रदेश जा रहा था ट्रैक्टर
कृषि अधिकारी की टीम ने नाराहट थाने के सुपुर्द किया
ललितपुर। थाना नाराहट पुलिस ने जिला कृषि अधिकारी को दूरभाष पर सूचना दी कि एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में यूरिया उर्वरक व मसूर लदी पकड़ी है। सूचना के आधार पर कृषि अधिकारी ने अपने साथ वरिष्ठ प्रा.सहायक ग्रुप-ए श्रीपादाय कुमार, वरिष्ठ सहायक मदन राठौर व लेखकार प्रदीप ने संयुक्त रूप से कार्यवाही कर मध्य प्रदेश के सागर अंतर्गत मालथौन के राजवांस जा रही यूरिया उर्वरक व मसूर थाना नाराहट पहुंच कर जांच की। उन्होंने पाया कि एक ट्रैक्टर महिन्द्रा 575 डी.आई. पर 60 बोरी कमतरतांना उर्वरक एवं मसूर लदी हुई है। जांच में पाया कि 60 बोरी (साठ बोरी) कृभको यूरिया लदी पायी गई। ट्रैक्टर पर मौजूद ट्रैक्टर चालक राजवांस निवासी छत्रपाल सिंह घोषी पुत्र मजबूत सिंह घोषी एवं अशोक साहू पुत्र नन्दकिशोर द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा उक्त यूरिया अपने परिचित सेठ अमित कुमार जैन ने ललितपुर से अज्ञात दुकानदार जिसके बारे में इनके द्वारा जानकारी नहीं दी गई के यहां से उक्त 60 बोरी कृभको यूरिया उर्वरक जिससे सम्बन्धित अभिलेख, क्रय की पी.ओ.एस. मशीन की रसीद एवं बिल प्रस्तुत नहीं किये गये। जिससे स्पष्ट होता है कि इनके द्वारा उक्त यूरिया खाद कूटरचित तरीके से क्रय करके अन्तर्राज्यीय सीमा मार्ग से म.प्र. ले जाई जा रही थी। उक्त 60 बोरी यूरिया उर्वरक से लदे ट्रैक्टर एवं ट्रैक्टर पर मौजूद ट्रैक्टर चालक छत्रपाल सिंह घोषी एवं अशोक साहू को ट्रैक्टर सहित थानाध्यक्ष नाराहट के सपुर्दगी में दे दिया गया। बताया गया कि बिना नम्बर के ट्रैक्टर के जरिए उर्वरक को कालाबाजारी करने के लिए ले जाया जा रहा था। छत्रपाल सिंह घोषी एवं अशोक साहू द्वारा उर्वरक की कालाबाजारी सीमावर्ती क्षेत्र से बाहर ले जाना उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का उल्लंघन है एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आच्छादित है। कृषि अधिकारी ने दोनों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के सेक्शन 3/7 के अधीन तथा उर्वरक (परिसंचलन) आदेश 1973 में 3 क के निहत प्राविधानान्तर्गत अवैध रूप से उवर्रक परिसंचलन के क्रम में प्राथमिकी दर्ज करायी है।