हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर ब्रिटेन और अमेरिका ने मिलकर बड़ा हमला किया है. अमेरिकी सेंट्रल कमांडर के मुताबिक, सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती के 18 ठिकानों को निशाना बनाया है. इस बीच अमेरिका ने कहा, “हूती विद्रोही ने मालवाहक जहाजों पर हमला कर रहे थे. इसके साथ ही यमन में जो मानवीय मदद कीजा रही है, उसे भी रोकने की कोशिश कर रहे थे. इस वजह से हमने उनपर हमले किए हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी और ब्रिटिश फौजों के अलावा कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन और न्यूजीलैंड की फौज ने भी इस साझा हमले को अंजाम दिया. हमलों में हिस्सा लेने वाले देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. जारी बयान में कहा गया है, “सैन्य कार्रवाई यमन में 8 जगहों पर की गई है, जिसमें 18 हूती ठिकानों को निशाना बनाया गया.”
अमेरिकी रक्षा सचिव ने कही ये बात
वहीं, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा, “हमले का मक़सद, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की ताकत का खात्मा करना है. हम हूती विद्रोहियों को बताना चाहते हैं कि अगर उन्होंने अपने हमलों को नहीं रोका, तो उन्हें नतीजा भुगतने होंगे. हूती मध्य पूर्वी अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं और यमन और दूसरे देशों को दी जाने वाली मानवीय सहायता के वितरण को बाधित करते हैं.”
अमेरिका हमले की तस्दीक
यमन की मुख्य टेलीविजन न्यूज आउटलेट अल मसीरा टीवी ने 24 फरवरी को कहा, “ब्रिटेन और अमेरिका की सेना ने राजधानी सना में सिलसिलेवार हमले किए. एक हूती सैन्य जराए के मुताबिक, हूती विद्रोहियों पर की गई स्ट्राइक यमन को गाजा में फिलिस्तीनी लोगों को सहायता ऑपरेशन रोकने का एक दयनीय कोशिश था.”
गाजा हिंसा के बाद हूती विद्रोहियों का हमला
हाल में ही हूती विद्रोहियों ने ब्रिटेन के मालवाहक शिप पर हमले किए थे और उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से इसराइल के बंदरगाह और रिसॉर्ट शहर को निशाना बनाया था. दरअसल, गाजा हिंसा के बाद से ही हूती विद्रोही इसराइल से संबंधित शिप को निशाना बना रहे हैं. इस वजह से पूरे मध्य पूर्व में तनाव का माहौल बन गया है.